facebookmetapixel
Dividend Stocks: निवेशकों के लिए खुशखबरी! रेलवे कंपनी देने जा रही है तगड़ा डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट इसी हफ्तेGST में सुधारों से अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति, महंगाई बढ़ने का जोखिम नहीं: सीतारमणइजरायल के वित्त मंत्री बेजालेल स्मोटरिच 8 सितंबर को भारत आएंगे, दोनों देशों के बीच BIT करार हो सकता है फाइनलGold Outlook: हो जाए तैयार, सस्ता हो सकता है सोना! एक्सपर्ट्स ने दिए संकेतVedanta ने JAL को अभी ₹4,000 करोड़ देने की पेशकश की, बाकी पैसा अगले 5-6 सालों में चुकाने का दिया प्रस्ताव1 करोड़ का घर खरीदने के लिए कैश दें या होम लोन लें? जानें चार्टर्ड अकाउंटेंट की रायदुनियाभर में हालात बिगड़ते जा रहे, निवेश करते समय….‘रिच डैड पुअर डैड’ के लेखक ने निवेशकों को क्या सलाह दी?SEBI की 12 सितंबर को बोर्ड मीटिंग: म्युचुअल फंड, IPO, FPIs और AIFs में बड़े सुधार की तैयारी!Coal Import: अप्रैल-जुलाई में कोयला आयात घटा, गैर-कोकिंग कोयले की खपत कमUpcoming NFO: पैसा रखें तैयार! दो नई स्कीमें लॉन्च को तैयार, ₹100 से निवेश शुरू

लोकसभा चुनाव में BJP के खराब प्रदर्शन के लिए गठबंधन जिम्मेदार: RSS

लेख के मुताबिक, उसने भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों से बात की और इन सभी ने कहा कि वे राकांपा से हाथ मिलाने के पार्टी के फैसले से सहमत नहीं थे।

Last Updated- July 17, 2024 | 11:18 PM IST
Ajit Pawar with Devendra Fadnavis

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े एक साप्ताहिक अखबार ने लोक सभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खराब प्रदर्शन के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से गठबंधन के उसके फैसले को जिम्मेदार ठहराया है। अखबार में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि भाजपा के अजित पवार के नेतृत्व वाले राकांपा गुट से हाथ मिलाने के बाद जनभावनाएं पूरी तरह से पार्टी के खिलाफ हो गईं।

लेख के मुताबिक, उसने भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों से बात की और इन सभी ने कहा कि वे राकांपा से हाथ मिलाने के पार्टी के फैसले से सहमत नहीं थे। अखबार ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच व्याप्त असंतोष को ‘कम करके आंका गया।’ उसने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश में बेहतर समन्वय और शासन एवं निर्णय लेने की प्रक्रिया में कार्यकर्ताओं को दिए गए महत्व ने राज्य की लोक सभा सीटों पर जीत दर्ज करने में भाजपा की मदद की।

वर्ष 2024 के लोक सभा चुनाव में महाराष्ट्र में भाजपा की सीटों की संख्या पिछले चुनाव में 23 के मुकाबले घटकर नौ हो गई। वहीं, महायुति के उसके गठबंधन सहयोगियों-एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना को सात, जबकि अजित पवार नीत राकांपा को महज एक सीट से संतोष करना पड़ा। दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) ने अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए महाराष्ट्र की 48 लोक सभा सीटों में से 30 पर कब्जा जमाया। एमवीए में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा (शरद चंद्र पवार) और कांग्रेस शामिल हैं।

आरएसएस से जुड़े साप्ताहिक अखबार ‘विवेक’ ने मुंबई, कोंकण और पश्चिम महाराष्ट्र क्षेत्र में 200 से अधिक लोगों पर की गई अनौपचारिक रायशुमारी के आधार पर यह लेख प्रकाशित किया।

लेख में कहा गया है, ‘भाजपा या संगठन (संघ परिवार) से जुड़े लगभग हर व्यक्ति ने कहा कि वह राकांपा (अजित पवार के नेतृत्व वाले) के साथ गठबंधन करने के भाजपा के फैसले से सहमत नहीं है। हमने 200 से अधिक उद्योगपतियों, व्यापारियों, चिकित्सकों, प्रोफेसर और शिक्षकों की राय जानी। इन सभी ने माना कि भाजपा-राकांपा गठबंधन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में व्याप्त असंतोष को कम करके आंका गया।’

लेख के अनुसार, एक-दूसरे से छोटी-मोटी शिकायतों के बावजूद हिंदुत्व के साझा सूत्र के चलते शिवसेना के साथ भाजपा के गठबंधन को हमेशा स्वाभाविक माना जाता है। लेख में कहा गया है कि लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ एमवीए के तत्कालीन मंत्री एकनाथ शिंदे की बगावत स्वीकार कर ली थी। यह बगावत उद्धव सरकार के गिरने का कारण बनी थी।

First Published - July 17, 2024 | 11:18 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट