प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने अपने लोक सभा क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के मतदाताओं को लगभग 6 मिनट का वीडियो जारी कर अपील की है कि वे नई काशी और विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए बढ़चढ़ कर मतदान में हिस्सा लें। वाराणसी में 1 जून को वोट पड़ेंगे और गुरुवार को यहां प्रचार समाप्त हो गया।
पिछले दस साल से वाराणसी का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधानमंत्री मोदी ने अपने क्षेत्र के लोगों से मतदान में पिछले चुनाव समेत सारे रिकॉर्ड ध्वस्त करने का आह्वान किया है। वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री पहली बार काशी से चुनाव लड़ने पहुंचे थे तो इस निर्वाचन क्षेत्र में 58.35 प्रतिशत वोट पड़े थे।
साल 2019 के चुनाव में पूरे निर्वाचन क्षेत्र में वोट प्रतिशत घट कर 57.13 पर आ गया था। साल 2014 के चुनाव में मोदी को 56.37 प्रतिशत वोट मिले थे मगर पांच साल बाद जब मोदी दोबारा यहां से मैदान में उतरे तो उनकी जीत का अंतर और बढ़ गया तथा उन्हें 63.6 प्रतिशत वोट मिले।
वाराणसी में कुछ लोगों का मानना है कि इस का परिणाम 2014 और 2019 के चुनावों से अलग रहेगा। देखना यह है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी की जीत का अंतर अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के अजय राय के मुकाबले पहले से अधिक बढ़ेगा? अजय को समाजवादी पार्टी का भी समर्थन प्राप्त है।
बसपा ने यहां से अख्तर जमाल लारी को मैदान में उतारा है। वाराणसी में भाजपा शासन से नाराज लोग भी इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि पिछले दस वर्षों में वाराणसी में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं।
एक्स पर पोस्ट किए अपने संदेश वाले वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी ने वाराणसी में हुए तमाम विकास कार्य भी गिनाए हैं। इनमें उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर, गंगा घाटों का सौंदर्यीकरण, रोपवे परियोजना का नाम प्रमुखता से शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि शहर में पिछले दस वर्षों में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी से रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं।
उन्होंने युवाओं, महिलाओं और किसानों से कहा, ‘वे मतदान में बढ़चढ़ कर हिस्सा लें। उनका एक-एक वोट उन्हें नई ऊर्जा से भर देगा।’
वाराणसी के चेतगंज इलाके में विजय चाय केंद्र के नाम से स्टाल चलाने वाले 65 वर्षीय विजय कुमार शारदा से जब शहर के राजनीतिक माहौल के बारे में पूछा गया तो उत्साहित होकर बोले, ‘मोदी के अलावा कौन जीतेगा? उन्होंने शहर में करोड़ों रुपये की परियोजनाएं शुरू करवाईं और प्रधानमंत्री बनने के बाद इस शहर का पूरा परिदृश्य ही बदल दिया।’
चेतगंज में ही प्रोविजनल स्टोर चलाने वाले 70 वर्षीय संतोष कुमार गुप्ता ने कहा कि मोदी आसानी से चुनाव जीत जाएंगे।
राजनीतिक टिप्पणीकार अत्री भारद्वाज ने कहा कि पिछले दोनों चुनावों के उलट इस बार कोई मोदी लहर नहीं दिख रही है, लेकिन ताकतवर प्रतिद्वंद्वी नहीं होने के कारण वे बढ़त बनाए हुए हैं। मतदाताओं के पास कोई विकल्प ही नहीं है।
भारद्वाज कहते हैं, ‘कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय अपनी जमानत ही बचा ले जाएं, ‘इंडिया’ गठबंधन के लिए यही बहुत बड़ी बात होगी।’
वाराणसी लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र में पांच विधान सभा क्षेत्र रोहनिया, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंटोनमेंट क्षेत्र और सेवापुरी शामिल हैं।
विपक्षी दलों का मानना है कि उनके पास पूर्वी उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर भाजपा से बेहतर प्रदर्शन करने का मौका है। लेकिन अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कई लोगों का कहना है कि मोदी की जीत में कोई शक-ओ-शुब्हा नहीं है।
गौरीगंज के रहने वाले 30 वर्षीय लॉ ग्रेजुएट मजहर ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पिछले दस वर्षों में वाराणसी में बहुत तेजी से विकास कार्य हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘दुख की बात यह है कि चुनाव के दौरान हिंदू-मुस्लिम का मुद्दा बहुत अधिक छाया रहा। इस प्रकार की राजनीति से किसी का भला होने वाला नहीं है। यहां स्थानीय बुनकरों, कपड़ा बनाने वालों और व्यापारियों के हित के लिए बहुत काम करने की जरूरत है। बड़े ठेके दूसरे राज्यों खासकर गुजरात के ठेकेदारों को मिल रहे हैं।’
लगभग 15 दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक रोड शो किया था, लेकिन उसके बाद से अपने निर्वाचन क्षेत्र में नहीं आ सके।
संभवत: प्रचार की व्यस्तता के कारण ऐसा हुआ हो। लेकिन पिछले कुछ दिनों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, एस जयशंकर समेत तमाम कद्दावर नेताओं ने वाराणसी में डेरा डाल दिया और घर-घर जाकर प्रचार किया।
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने भी वाराणसी निर्वाचन क्षेत्र की सांसदी प्रधानमंत्री मोदी को थाली में रखकर नहीं परोसना चाहता। उसने अपने उम्मीदवार अजय राय की जीत के लिए ताकत झोंक दी है।