देश में ऊर्जा सुरक्षा के लिए भाजपा ने कई कार्यक्रमों पर जोर देने का वादा किया है। इसमें मौजूदा योजनाओं का काम आगे बढ़ाने के साथ अन्य कई स्वच्छ ईंधन के समाधान लाया जाना शामिल है। भाजपा ने घोषणापत्र में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) कार्यक्रम को विस्तार देने और पाइप्ड गैस कनेक्शन के दायरे में मौजूदा 1.1 करोड़ परिवारों से अतिरिक्त परिवारों को लाने का वादा किया है।
सितंबर, 2023 में सरकार ने पीएमयूवाई योजना 2026 तक बढ़ा दी ती और कहा था कि 75 लाख नए कनेक्शन दिए जाएंगे, जिससे पीएमयूवाई कनेक्शनों की संख्या 10.35 करोड़ हो जाएगी।
ग्रामीण इलाकों और वंचित तबके को स्वच्छ रसोई ईंधन मुहैया कराने के मकसद से मई 2016 में उज्ज्वला योजना शुरू की गई थी, जिससे लकड़ी कोयले, उपले को जलावन के रूप में इस्तेमाल करके खाना बनाने वाले परिवारों को रसोई गैस मुहैया कराई जा सके। 2022-23 तक 9 करोड़ लाभार्थी इस योजना में शामिल किए गए हैं।
वहीं सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन का देशव्यापी विस्तार किया जा रहा है, जो ऊर्जा बास्केट में 2030 तक प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी मौजूदा 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने की योजना का हिस्सा है।
ऊर्जा बॉस्केट में अक्षय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाना मोदी सरकार के ध्यान का प्रमुख केंद्र रहा है। घोषणापत्र में संयुक्त राष्ट्र की जलवायु कार्रवाई प्रतिबद्धता के मुताबिक भारत की योजना पर जोर दिया गया है, जिसके तहत 500 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है। संकल्प पत्र में छोटे मॉडुलर रियेक्टरों (एसएमआर) का निर्माण कर नाभिकीय ऊर्जा के विस्तार का भी वादा किया गया है।