facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Tata Capital, Shree Cement, PNB हाउसिंग फाइनेंस समेत बाजार में आज इन कंपनियों पर रहेगा फोकसBihar Elections 2025: महागठबंधन का घोषणा पत्र, परिवार के एक सदस्य को नौकरी; शराबबंदी की होगी समीक्षासर्विस सेक्टर में सबसे ज्यादा अनौपचारिक नौकरियां, कम वेतन के जाल में फंसे श्रमिकदिल्ली में बारिश के लिए क्लाउड सीडिंग, 15 मिनट से 4 घंटे के भीतर बादल बरसने की उम्मीद8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी, 18 महीने में देगा सिफारिश; 50 लाख कर्मचारियों को होगा लाभडीएपी और सल्फर पर बढ़ी सब्सिडी, किसानों को महंगे उर्वरकों से मिलेगी राहतरिलायंस जल्द करेगी जियो आईपीओ का रोडमैप फाइनल, आकार और लीड बैंकर पर निर्णय साल के अंत तक!आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को राहत, एनसीएलएटी ने ईजीएम पर रोक से किया इनकारQ2 Results: टीवीएस मोटर का मुनाफा 42% बढ़ा, रेमंड रियल्टी और अदाणी ग्रीन ने भी दिखाया दम; बिड़ला रियल एस्टेट को घाटाBS BFSI 2025: आ​र्थिक मुद्दों पर बारीकी से मंथन करेंगे विशेषज्ञ, भारत की वृद्धि को रफ्तार देने पर होगी चर्चा

दिसंबर में थोक महंगाई दर में कमी आई

Last Updated- December 12, 2022 | 9:46 AM IST

थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर खुदरा महंगाई की राह चलते हुए दिसंबर में घटकर 4 माह के निचले स्तर 1.22 प्रतिशत पर आ गई है। नवंबर में यह 1.55 प्रतिशत थी। खाद्य वस्तुओं के दाम गिरने से महंगाई घटी है।
बहरहाल प्रमुख महंगाई दर (इसमें खाद्य और ईंधन शामिल नहीं होता) बढ़कर 2 साल के उच्च स्तर 4.2 प्रतिशत पर पहुंच गई है। संभवत: इसकी वजह से भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति फरवरी में दरों में कोई कटौती नहीं कर पाएगी। उपभोक्ता मूल्य पर आधारित महंगाई दर घटकर 15 महीने के निचले स्तर 4.6 प्रतिशत पर आ गई है, उससे बावजूद ऐसा नहीं हो पाएगा।
खाद्य और विनिर्मित वस्तुओं की महंगाई दर अलग राह पर हैं। दिसंबर में खाद्य कीमतें 1.61 प्रतिशत गिरी हैं, जबकि इसके पहले महीने में महंगाई दर 2.72 प्रतिशत थी। दरअसल हाल के दिनों में सब्जियों के दाम का असर महंगाई दर पर सबसे ज्यादा रहा है, जिसमें दिसंबर में 13.2 प्रतिशत की गिरावट आई है। खासकर प्याज के दाम 55 प्रतिशत गिरे हैं।
ईंधन और बिजली के दाम में गिरावट आई है, जबकि दिसंबर में रसोई गैस (एलपीजी) की कीमतें 2.15 प्रतिशत बढ़ी हैं। ईंधन और बिजली के क्षेत्र में अवस्फीति गिरकर दिसंबर में 8.72 प्रतिशत रह गई है, जो इसके पहले महीने में 9.87 प्रतिशत थी।
आईटीएम बी-स्कूल में वित्तीय बाजार विभाग के प्रमुख क्रुपेश ठक्कर ने कहा कि आधार के असर के कारण ईंधन महंगाई सूचकांक ऋणात्मक स्थिति में है, लेकिन रसोई गैस, पेट्रोल व डीजल के दाम में तेजी की वजह से पिछले महीने की तुलना में महंगाई 3.2 प्रतिशत बढ़ी है।
उन्होंने कहा, ‘यह उम्मीद की जा रही थी कि भारत का क्रूड बास्केट दिसंबर 2020 में 15 प्रतिशत बढ़ेगा।’
विनिर्मित वस्तुओं की महंगाई दर में तेजी देखी गई है और इसमें दिसंबर में 4.24 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके पहले महीने में 2.97 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी। बहरहाल इस श्रेणी में प्रसंस्कृत खाद्य वस्तुओं के दाम  कम हुए हैं और यह इस दौरान 4.95 प्रतिशत से घटकर  4,89 प्रतिशत रहा। प्रमुखि महंगाई दर, जैसा कि ऊपर कहा गया है, चिंता का विषय है।
इक्रा में प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि जिंस और धातुओं के दाम ज्यादा होने और वैश्विक मांग बहाल होने से डब्ल्यूपीआई बढऩे का अनुमान है।
बैंक आफ बड़ौदा में मुख्य अर्थशास्त्री समीर नारंग ने कहा कि विनिर्मित उत्पादों में 22 जिंसों में से 15 के दाम बढ़े हैं। उन्होंने कहा, ‘वैश्विक अर्थव्यवस्था बहाल होने से आगे जिंसों के वैश्विक दाम में और तेजी की संभावना है, जिसके कारण थोक मूल्य महंगाई दर बढऩे को लेकर दबाव रहेगा।’

First Published - January 14, 2021 | 11:09 PM IST

संबंधित पोस्ट