रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा, हालांकि महंगाई हाल के दिनों में कम हुई है, लेकिन इसके खिलाफ भारत की जंग अभी भी जारी है और आत्मसंतोष के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा ब्याज दर में वृद्धि को रोकना उनके हाथ में नहीं है, यह उस समय की जमीनी स्थिति पर निर्भर करता है।
उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक सत्र 2023 में कहा, ‘महंगाई से जंग अभी खत्म नहीं हुई है। हमें सतर्क रहना होगा और आत्मसंतोष का कोई कारण नहीं है। हमें देखना होगा कि अल नीनो का प्रभाव कैसा रहता है।’ उन्होंने कहा कि रिटेल महंगाई के अगले आंकड़े में महंगाई दर के घटकर 4.7 फीसदी से नीचे आने की उम्मीद है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छे प्रदर्शन और इसकी बैंकिंग प्रणाली के लचीलेपन के दम पर, 2022-23 के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि 7 फीसदी से अधिक हो सकती है। वित्त वर्ष 24 में, भारत की GDP 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा, ‘यह आश्चर्य की बात नहीं होगी अगर पिछले साल की GDP वृद्धि 7 फीसदी से थोड़ी अधिक आती है।’
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दास के अनुसार, भारत का कृषि क्षेत्र अच्छा कर रहा है, और केंद्रीय बैंक को सामान्य मॉनसून की उम्मीद है। इसके अलावा, सेवा क्षेत्र ने गति प्राप्त की है। विशेष रूप से सीमेंट और इस्पात क्षेत्रों में निजी निवेश के भी प्रमाण हैं। हालांकि, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं, व्यापारिक निर्यात से खिंचाव, और अल नीनो की भविष्यवाणी कुछ नकारात्मक पहलू हैं।
दास ने उपस्थित लोगों को भरोसा दिलाया कि पूंजी, तरलता की मजबूती स्थिति और संपत्ति की गुणवत्ता में सुधार के साथ भारतीय बैंकिंग प्रणाली स्थिर और मजबूत बनी हुई है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक देश की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अर्थव्यवस्था को पूरा समर्थन देगा। उन्होंने बताया कि रिजर्व बैंक ने अपने अबतक के अनुभव के आधार पर केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा CBDC ढांचे को और बेहतर किया है।