मई में बेरोजगारी दर बढ़कर 5.6 फीसदी हो गई, जो अप्रैल में 5.1 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा सोमवार को जारी आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के हालिया आंकड़ों से इसका खुलासा हुआ है। सर्वेक्षण से पता चला है कि मई में कम लोगों ने काम तलाशा।
साप्ताहिक स्थिति के हिसाब से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 15 साल और अधिक उम्र के लोगों की प्रमुख बेरोजगारी दर 4.5 फीसदी से बढ़कर 5.1 फीसदी हो गई। शहरी इलाकों के लिए आंकड़ा 6.5 फीसदी से बढ़कर 6.9 फीसदी हो गया। आंकड़ों से पता चलता है कि मई में पुरुष बेरोजगारी दर 5.6 फीसदी थी और महिलाओं की बेरोजगारी दर कुछ बढ़कर 5.8 फीसदी थी। साप्ताहिक आंकड़े के लिए सर्वेक्षण से ठीक पहले के सात दिनों की गतिविधियां देखी जाती हैं। अगर किसी व्यक्ति को उन सात दिनों में 1 घंटे का भी काम नहीं मिला तो उसे बेरोजगार मान लिया जाता है।
इस बीच काम करने अथवा काम की तलाश करने वाले लोगों की संख्या बताने वाली श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) अप्रैल के 55.6 फीसदी से घटकर मई में 54.8 फीसदी हो गई। ग्रामीण इलाकों में यह आंकड़ा 56.9 फीसदी था, जबकि शहरी इलाकों में यह 50.4 फीसदी था। अप्रैल में यह ग्रामीण इलाकों में 58 फीसदी और शहरी इलाकों में 50.7 फीसदी था। मई में पुरुषों के लिए यह दर 77.2 फीसदी और महिलाओं के लिए 33.2 फीसदी रही, जो अप्रैल में 77.7 फीसदी और 34.2 फीसदी थी।
युवाओं (15-29 आयु वर्ग) में बेरोजगारी दर 13.8 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी हो गई, जिसमें पुरुषों के लिए दर 14.5 फीसदी और महिलाओं के लिए 16.3 फीसदी थी। यह आंकड़ा इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इस आयु वर्ग के लोग आम तौर पर श्रम बाजार में पहली बार आते हैं और इस आंकड़े से पता चलता है कि बाजार कितना मजबूत है।