facebookmetapixel
Year Ender: भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए 2025 चुनौतियों और उम्मीदों का मिला-जुला साल रहानवंबर में औद्योगिक उत्पादन 25 महीने में सबसे तेज बढ़ा, विनिर्माण और खनन ने दिया बढ़ावाBPCL आंध्र प्रदेश रिफाइनरी में 30-40 फीसदी हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों को बेचेगी, निवेश पर बातचीत शुरूकेंद्र ने रिलायंस और बीपी से KG-D6 गैस उत्पादन में कमी के लिए 30 अरब डॉलर हर्जाने की मांग कीRBI की रिपोर्ट में खुलासा: भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत, लेकिन पूंजी जुटाने में आएगी चुनौतीकोफोर्ज का नया सौदा निवेशकों के लिए कितना मददगार, ब्रोकरेज की रायें मिली-जुली2025 में निजी बैंकों में विदेशी निवेश की बढ़त, फेडरल और येस बैंक में भारी पूंजी आईGold-Silver Price: मुनाफावसूली से ​शिखर से लुढ़की चांदी, सोने के भाव में भी आई नरमीRBI ने माइक्रोफाइनैंस लोन पर बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए निगरानी बढ़ाने का दिया संकेतघरों की मांग और कीमतों में लगातार बढ़ोतरी के चलते NCR के बाहर के डेवलपर बढ़ा रहे गुरुग्राम में अपनी पैठ

एक साथ पड़ी तीन तरफा मार

Last Updated- December 07, 2022 | 10:45 AM IST

महंगाई दर की चाल हफ्ते दर हफ्ते बढ़ती ही जा रही है। 28 जून को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान महंगाई दर बढ़कर 11.89 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो कि इससे पिछले सप्ताह में 11.63 प्रतिशत थी।


इस बार इसकी चाल में हुई यह बढ़ोतरी फल, सब्जी, दाल, बाजार और मसालों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई। समीक्षाधीन अवधि के दौरान सीमेंट और खाद्य तेल जैसे उत्पादों की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई। वित्त मंत्रालय ने महंगाई दर में हुई इस बढ़ोतरी पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि 28 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान आवश्यक जिंसों की कीमतें स्थिर रहीं।

इस बढ़ोतरी से यह आशंका जताई जा रही है कि रिजर्व बैंक 29 जुलाई को ऐलान की जानेवाली अपनी नीति में रेपो दर और सीआरआर में और इजाफा कर सकता है। 

 11.89 प्रतिशत (28 जून)
11.63 प्रतिशत  (21 जून)

विनिर्माण और बिजली क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण मई, 2008 में औद्योगिक विकास दर (आईआईपी) घटकर 3.8 प्रतिशत रह गई, जो एक वर्ष पहले 10.6 प्रतिशत थी।

विनिर्माण क्षेत्र की विकास दर में गिरावट आने की मुख्य वजह बढ़ती ब्याज दरें रहीं, जो मई में घटकर 3.9 प्रतिशत रह गई जबकि एक वर्ष पूर्व की समान अवधि में यह दर 11.3 प्रतिशत थी। आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र की भागीदारी 79 प्रतिशत है।

हालांकि टिकाऊ उपभोक्ता माल की विकास दर बढ़कर 4.4 प्रतिशत हो गई। विद्युत उत्पादन दर भी पिछले वर्ष मई के 9.4 प्रतिशत की तुलना में दो प्रतिशत बढ़ी। इसी तरह खनन उत्पादन क्षेत्र की विकास दर भी 3.8 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 5.2 प्रतिशत हो गई।

10.6  प्रतिशत (मई 2007)
3.8  प्रतिशत (मई 2008)

महंगाई दर की छलांग, आईआईपी में गिरावट और कच्चे तेल की मजबूती ने शेयर बाजारों को तोड़ कर रख दिया। इनके चलते शुक्रवार को सेंसेक्स जहां 456 अंकों की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ तो निफ्टी भी 113 अंक लुढ़क गया।

गिरावट का आलम यह था कि कारोबार के दौरान सेंसेक्स बीच में 570 अंक तक लुढ़क गया था तो निफ्टी भी 145 अंकों का गोता लगा चुका था। हालांकि इस गिरावट से मामूली उबरकर कारोबार के अंत में सेंसेक्स 13469 और निफ्टी 4049 के स्तर पर बंद हुआ।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज में तकनीकी, पूंजीगत वस्तु, दूरसंचार, ऊर्जा, बैंकिंग, धातु, रियल एस्टेट में जमकर बिकवाली हुई। गिरावट वाले शेयरों में इन्फोसिस, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, एलएंडटी, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी प्रमुख रहे।

456 (अंक गिरा)
13469 (पर बंद)

First Published - July 12, 2008 | 12:13 AM IST

संबंधित पोस्ट