भारत के अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार समझौते के लिए वार्ता को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग बड़े अवसर के रूप में देखता है। भारत की नजर अमेरिका में मोबाइल उपकरण, एयर कंडीशनर, कलर टीवी, वियरेबल और ऑडियो उपकरणों आदि के निर्यात पर है। अभी अमेरिका को होने वाले इन इलेक्ट्रॉनिक सामान के निर्यात में चीन, वियतनाम और मेक्सिको का दबदबा है।
अमेरिका ने वर्ष 2023 में 520 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान का आयात किया था जिसमें भारत की हिस्सेदारी महज 1.9 फीसदी थी। इसमें भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात की हिस्सेदारी महज 10 अरब डॉलर थी। अमेरिका में सभी श्रेणियों का आयात वर्ष 2023 में 3.1 लाख करोड़ डॉलर का था और इसमें भारत की हिस्सेदारी महज करीब 2.8 फीसदी अधिक थी।
इंडियन सेल्यूलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) की वाणिज्य मंत्रालय को दी गई एक प्रस्तुति के अनुसार, भारत का सर्वाधिक निर्यात मुख्य तौर पर ऐपल के स्मार्टफोन का है। यह हारमोनाइज्ड सिस्टम (एचएस) कोड्स पर आधारित है। इसके बावजूद अमेरिका में साल 2023 में हुए कुल स्मार्टफोन आयात में भारत की हिस्सेदारी महज 8.3 फीसदी थी।
अमेरिका ने उस साल 60 अरब डॉलर मूल्य के स्मार्टफोन का आयात किया था। इसमें वियतनाम की हिस्सेदारी भारत से अधिक है। वियतनाम से अमेरिका 8 अरब डॉलर से अधिक के स्मार्टफोन का आयात करता है। अमेरिका ने चीन से 45 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के स्मार्टफोन का आयात किया था।
आईसीईए के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने हाल ही में स्मार्टफोन पर 20 फीसदी शुल्क लगा दिया है और इससे भारत को शुल्क के मामले में लाभ (भारत पर शुल्क 16.5 फीसदी) मिलता है। एसोसिएशन यह प्रयास कर रही है कि द्विपक्षीय समझौते के तहत स्मार्टफोन आयात पर शून्य प्रतिशत शुल्क की अनुमति दी जाए। दरअसल, अमेरिका में मुश्किल से ही स्मार्टफोन का कोई निर्माता है। इसी तरह मेक्सिको पर 25 प्रतिशत शुल्क लगा दिया गया है जो पहले मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत आता था। इसे भी भारत के लिए एक अवसर की तरह देखा जा रहा है।