भारत के G20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने BS मंथन समिट में कहा कि अगर भारत को $30 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनना है, तो कड़ी मेहनत के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि वर्क-लाइफ बैलेंस की चिंता छोड़कर भारत को तेज़ी से विकास पर ध्यान देना चाहिए।
80-90 घंटे काम करो, फिल्म स्टार्स के नक्शे कदम पर मत चलो
कांत ने इस बात पर जोर दिया कि भारत को आर्थिक सफलता सिर्फ मेहनत और अनुशासन से मिलेगी, न कि मनोरंजन या सोशल मीडिया पर चर्चाओं से। उन्होंने कहा, “मुझे कड़ी मेहनत में पूरा विश्वास है। भारतीयों को हफ्ते में 80-90 घंटे काम करना चाहिए। अगर हमें $4 ट्रिलियन से $30 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनना है, तो हम इसे मनोरंजन करके या फिल्म स्टार्स की बात सुनकर हासिल नहीं कर सकते।”
जापान, कोरिया और कनाडा ने मेहनत से पाई कामयाबी
कांत ने जापान, कोरिया और कनाडा का उदाहरण देते हुए कहा कि ये देश मेहनत के दम पर ही आर्थिक महाशक्ति बने हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारत को भी दुनिया की टॉप इकॉनमी बनना है, तो हमें ऐसी ही कार्यसंस्कृति विकसित करनी होगी।
भारत में मेहनत को ना कहना फैशन बन गया है
कांत ने कहा कि आज के समय में “ज्यादा मेहनत मत करो” कहने का एक ट्रेंड बन गया है, जो गलत संदेश देता है। उन्होंने कहा, “हमें वर्ल्ड-क्लास प्रोजेक्ट्स तय समय से पहले पूरे करने होंगे। देरी और लागत बढ़ाने की आदत छोड़नी होगी।
वर्क-लाइफ बैलेंस के लिए 1.5 घंटे काफी हैं
वर्क-लाइफ बैलेंस पर बोलते हुए कांत ने कहा कि एक अनुशासित दिनचर्या में खुद के लिए भी समय निकालना संभव है। उन्होंने कहा, “मैं हर दिन काम करता हूं, एक्सरसाइज करता हूं, बॉल खेलता हूं और फिर भी मेहनत करता हूं। दिन में 1.5 घंटे खुद के लिए निकाल लो, फिर भी आपके पास 22.5 घंटे बचते हैं। मेहनत से बचने का फैशन मत बनाओ।”
भारत की अर्थव्यवस्था को 9 गुना बढ़ाना होगा
भारत को $4 ट्रिलियन से $30 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य पर कांत ने कहा कि इसके लिए GDP को 9 गुना और मैन्युफैक्चरिंग को 16 गुना बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा, “हमें अपनी पूरी आबादी को इस मिशन में शामिल करना होगा, खासकर उस 50% को जो अभी आर्थिक रूप से सक्रिय नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो भारत अगले 30 सालों तक 9-10% की ग्रोथ दर से आगे बढ़ेगा।”
AI नौकरियां नहीं छीनेगा, बल्कि नए मौके देगा
कांत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और नई तकनीकों पर भरोसा जताते हुए कहा कि इससे नौकरियां खत्म नहीं होंगी, बल्कि नए रोजगार के अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा, “हर तकनीकी बदलाव के साथ नई नौकरियां पैदा होती हैं, बस उनका स्वरूप बदल जाता है। भारत को अपनी वर्कफोर्स को भविष्य के लिए तैयार करना होगा, ताकि वे AI से मिलने वाले नए अवसरों का फायदा उठा सकें।”
भारत को आगे बढ़ना है, तो मेहनत ही रास्ता है
कांत ने अपने संबोधन में साफ कहा कि अगर भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना है, तो मेहनत से पीछे नहीं हट सकते। उन्होंने कहा कि सरकार इस लक्ष्य को पाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन जनता को भी इस बदलाव में भाग लेना होगा।