आर्थिक मंदी की आशंका के बीच सितंबर माह में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर घटकर 7.6 फीसदी पर आ गई।
जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में विकास दर 9.3 फीसदी थी। वहीं जून को समाप्त चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह दर 7.9 फीसदी थी।
हालांकि मंदी के इस दौर में जीडीपी दर उम्मीद से बेहतर ही प्रतीत होती है। इस दौरान निर्माण और सेवा क्षेत्र का योगदान अच्छा रहा।
उल्लेखनीय है कि बिजनेस स्टैंडर्ड की ओर से कराए गए पोल में अर्थशास्त्रियों ने दूसरी तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 7 से 7.4 फीसदी रहने का अनुमान किया था।
सरकार के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में देश की जीडीपी विकास दर 7.8 फीसदी रही, जबकि बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 9.3 फीसदी थी।
सरकार ने जीडीपी विकास दर 7 से 8 फीसदी के दायरे में रहने का अनुमान जताया है, जबकि रिजर्व बैंक ने विकास दर के 7.5 से 8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
क्षेत्र 2007-08 की दूसरी तिमाही 2008-09 की दूसरी तिमाही
कृषि 4.7 2.7
खनन 5.5 3.9
बिजली 6.9 3.6
सेवा 11 10.8
विनिर्माण 9.2 5
वित्तीय क्षेत्र 12.4 9.2
कुल जीडीपी 9.3 7.6
(आंकड़े फीसदी में)