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अतिरिक्त व्यय के लिए पर्याप्त राजस्व: निर्मला सीतारमण

Last Updated- December 22, 2022 | 12:00 AM IST
Nirmala Sitharam

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आश्वस्त हैं कि मौजूदा वित्त वर्ष में कर राजस्व सृजन पर्याप्त है। उन्होंने कहा कि 3.26 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय राजस्व पर्याप्त है, जिसके लिए वित्त मंत्रालय ने संसद की स्वीकृति मांगी है। बुधवार को उच्च सदन यानी राज्यसभा में अनुदान की पूरक मांग पर बहस के दौरान सीतारमण ने विपक्षी सांसदों के उन दावों का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि केंद्र वैश्विक प्रतिकूलता के लिए तैयार नहीं था। उन्होंने कहा कि यूरोप में युद्ध और इसके खाद्य और जिंस पर होने वाले असर से पहले बजट व्यय का अनुमान लगाया गया था।

सीतारमण ने कहा, ‘हम जिस तरह राजस्व का सृजन कर रहे हैं वह अतिरिक्त व्यय के भुगतान के लिए पर्याप्त होगा। वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में सकल कर राजस्व संग्रह सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़ा है। यह वित्त वर्ष 23 के लिए 9.6 फीसदी के बजट वृद्धि अनुमान से काफी अधिक है।’

उन्होंने कहा, ‘हमारे पास पर्याप्त राजस्व मौजूद है। इसलिए मुझे विश्वास है कि हम अनुदान की इस पूरक मांग को पूरा करने में सक्षम होंगे। यह सितंबर में की गई घोषणा से पुष्ट होता है कि केंद्र वर्ष के लिए उधार लेने की योजना पर कायम रहेगा।’ वित्त मंत्रालय ने अनुदान की पूरक मांगों की पहली किस्त के माध्यम से वित्त वर्ष में 4.36 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त सकल खर्च के लिए संसद की मंजूरी मांगी है। जबकि शुद्ध नकद व्यय 3.26 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। बाकी राशि बचत या बढ़ी हुई प्राप्तियों से प्राप्त की जाएगी।

अतिरिक्त खर्ज की मांग उर्वरक सब्सिडी, खाद्य सब्सिडी, घरेलू एलपीजी के लिए तेल विपणन कंपनियों को किए जाने वाले भुगतान और ग्रामीण रोजगार योजना (मनरेगा) के लिए धन देने के लिए जरूरी बताया गया है। सीतारमण ने कहा कि यूरोप में युद्ध से पहले सभी बजट धारणाएं बनाई गई थीं और जिंस और खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी होने के कारण सरकार को खाद्य और उर्वरक सब्सिडी प्रदान करनी पड़ी।

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उन्होंने कहा, ‘जिन मदों के तहत हम पूरक मांग लेकर आए हैं उसमें यह सुनिश्चित करना है कि गरीबों और किसानों को पर्याप्त सहयोग मिले।’ सीतारमण ने कहा कि वर्तमान पूरक मांग वित्त वर्ष 2023 के कुल 39.4 लाख रुपये के बजट आकार का 8 फीसदी था। जबकि महामारी वर्ष यानी वित्त वर्ष 2021 के बजट का 19 फीसदी और वैश्विक वित्तीय संकट में वित्त वर्ष 2009 के बजट का 20 फीसदी था।

वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार मुद्रास्फीति पर नजर रख रही है। आजकल यह ईंधन और उर्वरक की कीमतों के कारण विशुद्ध रूप से असंगत है और थोक मुद्रास्फीति 21 महीने के निचले स्तर पर आ गई है। बाद में, राज्यसभा ने पूरक अनुदान मांग को लोकसभा को लौटा भेज दिया। इस प्रकार सरकार को वित्त वर्ष 2022-23 में अतिरिक्त 3.25 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के लिए अधिकृत करने की प्रक्रिया पूरी की।

First Published - December 21, 2022 | 11:40 PM IST

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