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एसऐंडपी ने बरकरार रखी साख

Last Updated- December 15, 2022 | 7:54 PM IST

देश को मूडीज से मिली चोट पर वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पूअर्स (एसऐंडपी) ने मरहम लगाते हुए आज कहा कि उसने भारत की निवेश रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया है। एजेंसी ने रेटिंग को सबसे निचले स्तर पर बनाए रखा यानी उसने भारत की निवेश रेटिंग में और कमी नहीं की। उसने भारत का आर्थिक परिदृश्य स्थिर रखा और कहा कि समान आय स्तर वाले प्रतिस्पद्र्घी देशों के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में लग रही है।
एसऐंडपी ने यह भी कहा कि कोविड-19 महामारी देश की आर्थिक वृद्धि दर के लिए बड़ी चुनौती साबित हुई है, लेकिन चालू वित्त वर्ष में झटका खाने के बाद अगले वर्ष केंद्र और राज्य दोनों की वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा। उसने कहा कि आर्थिक सुधार के सरकार के हालिया उपायों का आगे जाकर लाभ होगा। इससे पहले मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने देश की सॉवरिन रेटिंग घटा दी थी। एसऐंडपी ने अपने अनुमान में कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था में 5 प्रतिशत तक कमी आएगी , लेकिन 2021-22 में यह 8.5 प्रतिशत की दर से वृद्घि करेगी। एजेंसी के अनुसार चालू वित्त वर्ष में केंद्र एवं राज्यों का राजकोषीय घाटा देश के सकल घरेलू उत्पाद के 11 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा मगर अगले वित्त वर्ष में यह कम होकर 8.5 प्रतिशत ही रह जाएगा। उसका अनुमान है कि देश का चालू खाते का घाटा इस वित्त वर्ष में 1.1 प्रतिशत रहेगा और अगले वित्त वर्ष कम होकर 0.5 प्रतिशत रह जाएगा।
एसऐंडपी के बयान पर पूर्व सांख्यिकीविद प्रणव सेन ने कहा, ‘मूडीज और एसऐंडपी के मुताबिक इस समय हम निवेश पाने के सबसे निचले स्तर पर हैं। अगर एक पायदान की कमी और हुई तो देश निवेश पाने का तमगा खो बैठेगा। पेंशन फंड को छोड़कर दूसरे निवेशकों के लिए इससे बहुत फर्क नहीं पड़ेगा मगर पेंशन फंड मजबूत रेटिंग वाली इकाइयों में ही निवेश करते हैं।’ 
पिछले महीने तक भारत के लिए मूडीज की रेटिंग एसऐंडपी और फिच से बेहतर थी। लेकिन अब तीनों एजेंसियों ने भारत को निवेश के लिहाज से सबसे नीचे रख दिया है। फर्क यह है कि मूडीज ने परिदृश्य नकारात्मक कर दिया था, जिसे एसऐंडपी और फिच ने स्थिर रखा है। एसऐंडपी के आकलन पर एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस में फिक्स्ड इनकम प्रमुख बदरीश कुहाली ने कहा,’एसऐंडपी की घोषणा के बाद फिच का आकलन भी ऐसा ही रह सकता है। बाजार पहले से ही यह मानकर चल रहा था, लेकिन उस पर इसका असर नहीं पड़ेगा।’ बैंक ऑफ अमेरिका में ट्रेजरी प्रमुख जयेश मेहता ने कहा कि मूडीज की चोट के बाद बाजार प्रभावित नहीं हुआ था और अब एसऐंडपी से राहत मिलने का भी बाजार पर असर नहीं होगा।
तकनीकी शब्दों में कहें तो एसऐंडपी ने भारत की रेटिंग ‘बीबीबी-‘ रखी है। उसने कहा, ‘दीर्घ अवधि के लिहाज से भारत की वृद्धि दर से जुड़े जोखिम बढ़ रहे हैं, लेकिन मौजूदा आर्थिक सुधारों का क्रियान्वयन ठीक ढंग से हुआ तो देश की आर्थिक चाल दूसरे देशों से बेहतर रहेगी।’ हालांकि एजेंसी ने कहा कि कोविड-19 महामारी से पहले ही भारत की आर्थिक वद्धि दर काफी सुस्त हो गई थी। एजेंसी ने कहा,’कमजोर वित्तीय क्षेत्र, श्रम बाजारों में लचीलेपन के अभाव और निजी निवेश की खस्ता हालत पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया तो अर्थव्यवस्था के लिए पटरी पर लौट पाना मुश्किल होगा।’ उसने यह भी कहा कि चालू वित्त वर्ष में बाधाएं झेलने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत वृद्धि दर हासिल करेगी।
एसऐंडपी ने कहा कि अनुकूल कंपनी कर दरों से विनिर्माण कंपनियों को राहत मिलेगी, जिससे आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। एजेंसी के अनुसार भारत में संरचना के स्तर पर विविधता, युवा आबादी और अपेक्षाकृत कम श्रम लागत देश की अर्थव्यवस्था के लिहाज से अनुकूल हैं।

अगले वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी वृद्धि दर की उम्मीद : फिच
चालू वित्त वर्ष में गहरे संकुचन के बाद देश की अर्थव्यवस्था के अगले वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान है। रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही। फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी संकुचन का अनुमान जताया है। कोरोनावायरस संकट गहराने से पहले ही अर्थव्यवस्था में नरमी का रुख बना हुआ था। फिच ने बुधवार को अपना एशिया-प्रशांत क्रेडिट रेटिंग परिदृश्य जारी किया। इसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी ने देश के वृद्धि परिदृश्य को कमजोर किया है। इसकी अन्य प्रमुख वजह सरकार पर भारी कर्ज के चलते कई चुनौतियां भी पैदा होना है। फिच ने कहा कि इस वैश्विक महामारी के बाद देश की जीडीपी वृद्धि दर के वापस पटरी पर लौटने की उम्मीद है और यह वापस उच्च स्तर पर पहुंच सकती है।

First Published - June 10, 2020 | 10:20 PM IST

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