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घरेलू उत्पादन बढ़ाने की रणनीति

Last Updated- December 11, 2022 | 7:05 PM IST

आयात में हो रही लगातार वृद्धि के बीच वाणिज्य विभाग के अधिकारियों ने उपभोक्ता उत्पादों से शुरूआत करते हुए खास वस्तुओं के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के तरीकों के संबंध में मंगलवार को उद्योग के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। परिणामस्वरूप इससे निर्यात को बढ़ावा मिल सकता है। इस मामले के संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने यह कहते हुए इसे आयात-प्रतिस्थापन रणनीति कहने से इनकार कर दिया कि यह आयात रोकने प्रयास नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बजाय यह घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की रणनीति है। वाणिज्य विभाग ने उन 102 प्राथमिकता वाली वस्तुओं की पहचान की है, जिनके आयात में हाल के समय में तेज इजाफा नजर आया है या जिनका बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है।
इन 102 वस्तुओं में विद्युत उपकरण, धातुएं, रसायन, पेट्रोलियम उत्पाद, कीमती और अर्ध-कीमती रत्न, लिथियम आयन बैटरी, प्लास्टिक और वस्त्र शामिल हैं। वर्ष 2021-22 में अप्रैल से अगस्त तक की अवधि के दौरान किए गए कुल आयात में इनका योगदान 58.67 प्रतिशत रहा है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के मद्देनजर इस संबंध में एक बैठक हुई थी कि घरेलू उत्पादन को कैसे बढ़ावा दिया जाए और जिससे निर्यात में तेजी आए। आयात में (इन 102 वस्तुओं के) एक निश्चित उछाल आई है। कुछ वैश्विक आपूर्ति शृंखला में रुकावट और भारत में प्रक्रियात्मक बाधाओं या नियामकीय तंत्र में चुनौतियों की वजह से ऐसा हो सकता है।

First Published - May 11, 2022 | 11:35 PM IST

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