वैश्विक आर्थिक मंदी के बीच अक्टूबर 2008 से मांग में कमी के चलते भारतीय निर्यात में मार्च के दौरान 33.3 फीसदी की गिरावट आई है।
गौरतलब है कि निर्यात में लगातार छठे महीने गिरावट दर्ज हुई। वित्त वर्ष 2008-09 में देश का कुल निर्यात 168.70 अरब डॉलर रहा। निर्यात में वृध्दि की दर 3.4 रही। मार्च में निर्यात का स्तर 33.3 फीसदी गिरकर 11.51 अरब हो गया, जबकि पिछले साल की समान अवधि में देश से 17.25 अरब डालर का निर्यात हुआ था।
पिछले वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट के कारण तेल के आयात में 58 फीसदी की तेज गिरावट दर्ज हुई, जबकि गैर तेल आयात में मार्च के दौरान 18. 9 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई।
व्यापार घाटा भी घटकर 4.04 अरब डॉलर हो गया, जो इसे पिछले वित्त वर्ष के दौरान 6.32 अरब डॉलर था। इस तरह 2008-09 में आयात 14.3 फीसदी बढ़कर 287.75 अरब डॉलर हो गया। पिछले वित्त वर्ष के दौरान व्यापार घाटा 119.05 अरब डॉलर का था।
निर्यातकों और अर्थशास्त्रियों को अनुमान है कि स्थिति सुधरने में कुछ और महीने लगेंगे। चालू वित्त वर्ष के संदर्भ में निर्यातक अर्थशास्त्रियों से ज्यादा सकारात्मक दिखते हैं। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के प्रमख अर्थशास्त्री डी. के. जोशी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान निर्यात की वृध्दि दर करीब 5 फीसदी रहेगी।
