हाल में आर्थिक गतिविधियों में आई तेजी पिछले हफ्ते थोड़ी थमती हुई नजर आई। बिजली उत्पादन और दफ्तर में जाने वाले लोगों की तादाद में एक हफ्ते पहले तेजी आई थी लेकिन अब यह तेजी घटती हुई दिख रही है। दफ्तर जाने वाले लोगों की तादाद सामान्य से तीन फीसदी अंक अधिक थी जिसका अंदाजा आवाजाही के डेटा से लगता है।
सर्च इंजन गूगल विभिन्न श्रेणियों की जगहों पर लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए किसी अनाम लोकेशन डेटा का इस्तेमाल करता है। इससे विश्लेषकों और नीति निर्माताओं को इसका अंदाजा लगाने में मदद मिलती है कि महामारी के दौरान लोगों की गतिविधि कैसी रही है। ये आंकड़े एक अंतराल के साथ जारी किए जाते हैं। नवीनतम आंकड़े 23 अगस्त के हैं। खुदरा क्षेत्र और मनोरंजन के लिए जाने वालों की तादाद एक सप्ताह पहले की तुलना में थोड़ा अधिक रही। ट्रांजिट स्टेशनों में अधिक गतिविधि दर्ज की गई।
मुंबई और नई दिल्ली दोनों में यातायात की भीड़ कम थी। वैश्विक लोकेशन तकनीक कंपनी टॉमटॉम इंटरनैशनल के आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई में एक सप्ताह पहले करीब 90 फीसदी यातायात बहाल हो गया था। 29 अगस्त को समाप्त सप्ताह में यह घटकर 65 प्रतिशत रह गया। नई दिल्ली में यातायात में कमी आई और यह सामान्य दौर के मुकाबले 71 फीसदी के स्तर पर हो गई।
बिज़नेस स्टैंडर्ड भी नाइट्रोजन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन का जायजा लेता है। इसका उत्सर्जन वाहनों और औद्योगिक गतिविधि से होता है। दिल्ली में पहले के सामान्य स्थिति की तुलना में नवीनतम हफ्ते में दिल्ली का उत्सर्जन 27 प्रतिशत कम था। यह आंकड़ा 2019 की समान अवधि की तुलना में रविवार, 29 अगस्त को समाप्त होने वाले सात दिनों का है। बांद्रा इलाके के आंकड़ों के आधार पर मुंबई उत्सर्जन में भी गिरावट देखी गई।
29 अगस्त, 2021 को समाप्त सप्ताह के दौरान बिजली की खपत, 2020 और 2019 में इसी सप्ताह की तुलना में अधिक थी लेकिन यह वृद्धि एक हफ्ते पहले की तुलना में कम थी। भारत ने 29 अगस्त को खत्म सप्ताह के दौरान औसतन 420 करोड़ यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन किया जो 2019 में इसी सप्ताह के दौरान 10.7 प्रतिशत था और 2020 में 16 फीसदी से अधिक था। भारतीय रेल का प्रदर्शन काफी अच्छा था। इसने पहले की तुलना में माल ढुलाई में बेहतर सालाना वृद्धि दर्ज की है। रविवार 29 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में (एक सप्ताह पहले 19.6 फीसदी) माल ढुलाई की मात्रा 21.2 प्रतिशत थी। माल ढुलाई से होने वाली कमाई 28.54 प्रतिशत (पहले 20.8 प्रतिशत की तुलना में) हो गई।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने इन संकेतकों का जायजा लिया ताकि अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का अंदाजा लिया जा सके। आधिकारिक वृहद आर्थिक डेटा अक्सर अंतराल के साथ जारी किए जाते हैं। वैश्विक स्तर पर भी विश्लेषक इसी तरह के संकेतकों पर नजर रखते हैं ताकि कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के लिए जो लॉकडाउन लगाया गया उससे अर्थव्यवस्था पर पडऩे वाले असर का अंदाजा लगाया जा सके।