देश के सेवा क्षेत्र ने मार्च की सुस्ती के बाद अप्रैल में एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली। एचएसबीसी के सर्विस पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के मुताबिक सेवा क्षेत्र में मांग बढ़ती दखकर कंपनियों ने तेजी से भर्ती की हैं।
एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित और आज जारी सेवा पीएमआई के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में सूचकांक बढ़कर 58.7 पर पहुंच गया। मार्च में यह 58.5 था। सूचकांक 50 से ऊपर हो तो वृद्धि का संकेत मिलता है। 50 से नीचे का मतलब कमी होता है। यह सूचकांक लगातार 45वें महीने 50 से ऊपर रहा है।
एचएसबीसी इंडिया के सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘नए ऑर्डर बढ़ने के कारण पीएमआई में तेजी आई है। इसके कारण रोजगार भी तेजी से बढ़ा है। मगर क्षमता में कमी का असर भी साफ दिख रहा है क्योंकि अधूरा काम बढ़ता जा रहा है। लागत का बोझ छह महीने में सबसे कम रहा मगर औसत शुल्क तेजी से बढ़ा है।’
अप्रैल में मांग बेहतर रही और कंपनियों के मार्केटिंग अभियान भी कामयाब रहे। कुछ व्यवसायों को बेहतर दक्षता के कारण अधिक काम मिल गया। वित्त और बीमा कंपनियों का उत्पादन और नए ऑर्डर सबसे ज्यादा रफ्तार से बढ़े। मार्च में भी उन्हीं ने सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की थी।
विदेश में सेवा मांग बढ़ने का भी भारतीय कंपनियों को काफी लाभ हुआ। एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका में मांग काफी अच्छी रही। सर्वेक्षण में भी बताया गया है कि निर्यात के नए ठेके पिछले साल जुलाई के बाद इस अप्रैल में ही सबसे तेजी से बढ़े। एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘लागत का बोझ कम रहने और कीमत अधिक मिलने से मुनाफा बढ़ा है।’