facebookmetapixel
भारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछालYear Ender 2025: महाकुंभ से लेकर कोल्डप्ले तक, साल के शुरू से ही पर्यटन को मिली उड़ानYear Ender 2025: तमाम चुनौतियों के बीच सधी चाल से बढ़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर नॉमिनल जीडीपी बनी चिंताYear Ender 2025: SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 2025 में पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारकेंद्र से पीछे रहे राज्य: FY26 में राज्यों ने तय पूंजीगत व्यय का 38% ही खर्च कियाएनकोरा को खरीदेगी कोफोर्ज, दुनिया में इंजीनियरिंग सर्विस सेक्टर में 2.35 अरब डॉलर का यह चौथा सबसे बड़ा सौदाकिराया बढ़ोतरी और बजट उम्मीदों से रेलवे शेयरों में तेज उछाल, RVNL-IRFC समेत कई स्टॉक्स 12% तक चढ़ेराजकोषीय-मौद्रिक सख्ती से बाजार पर दबाव, आय सुधरी तो विदेशी निवेशक लौटेंगे: नीलकंठ मिश्र2025 में टेक IPO बाजार की वापसी: मुनाफे के दम पर पब्लिक मार्केट में लौटा स्टार्टअप उत्साहडीमैट की दूसरी लहर: नॉन-लिस्टेड कंपनियों में इलेक्ट्रॉनिक शेयरों का चलन तेज, इश्यूर की संख्या 1 लाख के पार

सेवा क्षेत्र की रफ्तार बढ़ी

विदेश में सेवा मांग बढ़ने का भी भारतीय कंपनियों को काफी लाभ हुआ। एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका में मांग काफी अच्छी रही।

Last Updated- May 06, 2025 | 10:33 PM IST
Service PMI

देश के सेवा क्षेत्र ने मार्च की सुस्ती के बाद अप्रैल में एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली। एचएसबीसी के सर्विस पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के मुताबिक सेवा क्षेत्र में मांग बढ़ती दखकर कंपनियों ने तेजी से भर्ती की हैं।

एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित और आज जारी सेवा पीएमआई के आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल में सूचकांक बढ़कर 58.7 पर पहुंच गया। मार्च में यह 58.5 था। सूचकांक 50 से ऊपर हो तो वृद्धि का संकेत मिलता है। 50 से नीचे का मतलब कमी होता है। यह सूचकांक लगातार 45वें महीने 50 से ऊपर रहा है।

एचएसबीसी इंडिया के सर्वेक्षण में कहा गया है, ‘नए ऑर्डर बढ़ने के कारण पीएमआई में तेजी आई है। इसके कारण रोजगार भी तेजी से बढ़ा है। मगर क्षमता में कमी का असर भी साफ दिख रहा है क्योंकि अधूरा काम बढ़ता जा रहा है। लागत का बोझ छह महीने में सबसे कम रहा मगर औसत शुल्क तेजी से बढ़ा है।’

अप्रैल में मांग बेहतर रही और कंपनियों के मार्केटिंग अभियान भी कामयाब रहे। कुछ व्यवसायों को बेहतर दक्षता के कारण अधिक काम मिल गया। वित्त और बीमा कंपनियों का उत्पादन और नए ऑर्डर सबसे ज्यादा रफ्तार से बढ़े। मार्च में भी उन्हीं ने सबसे ज्यादा वृद्धि दर्ज की थी।

विदेश में सेवा मांग बढ़ने का भी भारतीय कंपनियों को काफी लाभ हुआ। एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका में मांग काफी अच्छी रही। सर्वेक्षण में भी बताया गया है कि निर्यात के नए ठेके पिछले साल जुलाई के बाद इस अप्रैल में ही सबसे तेजी से बढ़े। एचएसबीसी में चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘लागत का बोझ कम रहने और कीमत अधिक मिलने से मुनाफा बढ़ा है।’

First Published - May 6, 2025 | 10:23 PM IST

संबंधित पोस्ट