facebookmetapixel
रुपये पर हमारी नजर है, निर्यातकों की सहायता लिए काम जारी: सीतारमणमहंगाई के नरम पड़ने से FY26 में नॉमिनल जीडीपी ग्रोथ में कमी संभव: CEA अनंत नागेश्वरनOYO की पैरेंट कंपनी का नया नाम ‘प्रिज्म’, ग्लोबल विस्तार की तैयारीMarket Outlook: महंगाई डेटा और ग्लोबल ट्रेंड्स तय करेंगे इस हफ्ते शेयर बाजार की चालFPI ने सितंबर के पहले हफ्ते में निकाले ₹12,257 करोड़, डॉलर और टैरिफ का असरMCap: रिलायंस और बाजाज फाइनेंस के शेयर चमके, 7 बड़ी कंपनियों की मार्केट वैल्यू में ₹1 लाख करोड़ का इजाफालाल सागर केबल कटने से दुनिया भर में इंटरनेट स्पीड हुई स्लो, माइक्रोसॉफ्ट समेत कई कंपनियों पर असरIPO Alert: PhysicsWallah जल्द लाएगा ₹3,820 करोड़ का आईपीओ, SEBI के पास दाखिल हुआ DRHPShare Market: जीएसटी राहत और चीन से गर्मजोशी ने बढ़ाई निवेशकों की उम्मीदेंWeather Update: बिहार-यूपी में बाढ़ का कहर जारी, दिल्ली को मिली थोड़ी राहत; जानें कैसा रहेगा आज मौसम

IPEF पर बातचीत का शुरू होगा दूसरा दौर

Last Updated- February 07, 2023 | 8:30 PM IST
Editorial: Risks to growth

संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के नेतृत्व वाले इंडो पैसिफिक इकनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) पर बातचीत का दूसरा दौर बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में शुरू होने जा रहा है। इस दौर में आईपीएफ के 4 स्तंभों में से 3 यानी सप्लाई चेन, क्लीन अर्थव्यवस्था और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था पर बातचीत होगी। फिलहाल भारत कारोबारी स्तंभ (ट्रेड पिलर) से बाहर रहने का फैसला किया है।

इस बातचीत का पहला दौर ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में दिसंबर में चला था। इस बैठक में मुख्य रूप से ट्रेड पिलर्स पर चर्चा हुई थी, जिसमें व्यापार को सुविधा प्रदान करना, कृषि, सेवाओं के घरेलू नियमन, पारदर्शिता और बेहतर नियामकीय गतिविधियां शामिल हैं।

भारत और अमेरिका सहित 14 देश IPEF के सदस्य हैं। इसे अमेरिका और इंडो पैसिफिक क्षेत्र के देशों ने टोक्यो में आयोजित क्वाड सम्मेलन के दौरान पिछले साल मई में पेश किया था। इसे दक्षिण व दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में चीन के असर को कम करने की आर्थिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

विशेषज्ञों ने कहा कि भारत को श्रम मानकों, पर्यावरण आदि जैसे विषयों पर कोई प्रतिबद्धता जताने के पहले सावधानी बरतते हुए काम करने की जरूरत है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर विश्वजीत धर ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला और स्वच्छ अर्थव्यवस्था पर जोर देते हुए अमेरिका श्रम मानकों और पर्यावरण पर जोर देगा।

First Published - February 7, 2023 | 8:30 PM IST

संबंधित पोस्ट