वैश्विक स्तर पर कुछ और समय तक भारी नकदी बने रहने का आश्वासन और अमेरिकी फेडरल का वह बयान कि वह ब्याज दरें बढ़ाने की हड़बड़ी में नहीं है, भारतीय रुपये में तेजी जारी है। डॉलर के मुकाबले रुपया 73.2925 पर बंद हुआ, जो एक दिन पहले 73.6950 पर बंद हुआ था। जैकसन हॉल में फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जीरोम पॉवेल के भाषण से पहले शुक्रवार को रुपया मजबूत बंद हुआ था। आरबीआई ने हस्तक्षेप नहीं किया था लेकिन सोमवार को उसने हस्तक्षेप किया क्योंंकि माह के आखिर मेंं होने वाले एमएससीआई तिमाही इंडेक्स के पुनर्संतुलन से पहले देश में काफी डॉलर झोंक दिए गए।
एक करेंसी डीलर ने कहा, एमएससीआई इंडेक्स में न तो कोई शामिल होगा या न किसी को निकाला जाएगा। सोमवार को रुपया 0.57 फीसदी चढ़ा और डॉलर के मुकाबले एशिया की अन्य मुद्रा में भी बढ़ोतरी दर्ज हुई। डॉलर में व्यापक कमजोरी देखी गई औ्र डॉलर इंडेक्स 93 के नीचे आ गया, जो पहले 93.15 के स्तर पर था। सोमवार को डॉलर इंडेक्स करीब 92.60 के स्तर पर रहा। काफी आईपीओ पेश होने जा रहे हैं और पात्र संस्थागत नियोजन भी हो रहा है, जो डॉलर के प्रवाह को मजबूत रखेगा, लेकिन केंद्रीय बैंक रुपये को अन्य एशियाई के साथ तालमेल से बाहर रुपये को नहीं बढऩे देगा। यह कहना है विशेषज्ञों का। इसलिए भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को रुपये की बढ़त पर लगाम के लिए हस्तक्षेप किया।
कोटक सिक्योरिटीज के डिप्टी वाइस प्रेजिडेंट (करेंसी व डेरिवेटिव) ए बनर्जी ने कहा, डॉलर-रुपया 73 के स्तर को छू सकता है क्योंकि शेयर व जिंसों में तेजी है और अमेरिकी डॉलर को फायदा हुआ है।