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छोटे शहरों में अस्पताल पर राहत

Last Updated- December 05, 2022 | 4:29 PM IST

सरकार द्वारा छोटे शहरों में अस्पताल बनाने पर पांच साल तक की कर राहत से इस क्षेत्र में खासा उत्साह है। देश के विभिन्न भागों में स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने में 2008-09 का बजट अहम भूमिका अदा करने जा रहा है।


हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने वाले बड़े खिलाड़ी- अपोलो, फोर्टिस, मणिपाल, वॉकहार्ट और मैक्स के साथ तमाम अस्पताल अब 2-टियर वाले शहरों का रुख करने का मन बना रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इनकी दूसरी विस्तार योजना का लक्ष्य छोटे-छोटे शहर हो सकते हैं।



टेक्नोपैक हेल्थकेयर के उपाध्यक्ष राणा मेहता का कहना है, ‘यह सरकार द्वारा उचित समय पर लिया गया निर्णय है, जिससे अस्पताल क्षेत्र के विकास की अपार संभावना है। छूट की घोषणा किए जाने के पहले से ही अपोलो, वॉकहार्ट, मणिपाल जैसे बड़े अस्पतालों ने संकेत दिए थे कि वे छोटे शहरों का रुख कर सकते हैं। बाजार के प्रभाव से ही इस तरह के विचार सामने आए और अब सरकार की घोषणा ने इसकी गति तेज कर दी है।’



टेक्नोपैक के अनुमान के मुताबिक अगले 10 साल में भारतीय अस्पतालों में 31 लाख नए विस्तरों की जरूरत है। इससे पता चलता है कि छोटे शहरों में इस क्षेत्र में विस्तार की अपार संभावनाएं हैं। फिक्की- ई एंड वाई के  पिछले साल किए गए एक संयुक्त अध्ययन के मुताबिक 2012 तक हेल्थकेयर क्षेत्र में 313,650 करोड़ रुपये के निवेश की संभावनाएं हैं।



एस्ट्रल हास्पिटल एंड हेल्थकेयर कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड के वाई पी भाटिया का कहना है, ‘बड़े शहरों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार सीमित हो गया है। अब छोटे शहरों में लोगों की जेब की क्षमता बढ़ गई है। अब दूसरे चरण की विस्तार योजना में बड़े अस्पतालों को छोटे शहरों में जाना पड़ेगा।’ उनके विचार से क्षमता विस्तार के दूसरे चरण में 70 प्रतिशत हिस्सा जिला मुख्यालयों का होगा। ‘अगर आप दिल्ली से बाहर निकलें तो हर 50 किलोमीटर के बाद आपको एक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की जरूरत महसूस होगी। यही हालत पूरे देश में है।’



वास्तव में सरकार की घोषणा से हेल्थकेयर क्षेत्र में काम करने वाले सभी कारोबारियों में जोश भर दिया है। उदाहरण के लिए दिल्ली की फोर्टिस का कहना है कि कर में राहत से उन्हें 2-टियर और 3-टियर शहरों में तेजी से बढ़ने का अवसर मिलेगा। वॉकहार्ट हेल्थकेयर क्षेत्र का दूसरा बड़ा नाम है जिसने आगामी दो साल में छोटे और मध्यम आकार के शहरों में विस्तार की योजना बनाई है।



एस्ट्रल कंसल्टेंट्स के एक अध्ययन के मुताबिक उत्तर, मध्य और पश्चिमी भारत के 11 राज्यों में छोटे और मध्यम आकार के शहरों में ग्रीनफील्ड हेल्थकेयर अस्पतालों के लिए अपार संभावनाएं हैं। भाटिया ने कहा, ‘हमने प्रवासी भारतीय चिकित्सकों की एक टीम तैयार की है, जो इसकी प्रगति को देखेंगे। करों में राहत मिलने के बाद इस अध्ययन के परिणामों को लेकर उत्साह और बढ़ गया है।’


कर में राहत का लाभ सभी नए अस्पतालों को दिया जाएगा, लेकिन इसमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव, गौतमबुध्दनगर, गाजियाबाद, गांधीनगर और सिकंदराबाद शहर में स्थापित होने वाले अस्पतालों को कर में राहत नहीं मिलेगी। इसका मतलब यह है कि उपरोक्त शहरों के अलावा जहां भी नए अस्पताल बनेंगे उन्हें कर में छूट का लाभ मिलेगा।

First Published - March 7, 2008 | 10:23 AM IST

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