भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने अगस्त 2025 की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की मीटिंग में देश की अर्थव्यवस्था, महंगाई और सभी तक बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने को लेकर कई ज़रूरी बातें कही। उन्होंने बताया कि खुदरा महंगाई (CPI) में अच्छी गिरावट आई है और आने वाले महीनों में भी महंगाई काबू में रहने की उम्मीद है। साथ ही, जनधन योजना के 10 साल पूरे होने पर गांव-गांव में KYC कैंप लगाने की भी जानकारी दी।
RBI गवर्नर ने बताया कि जून महीने में हेडलाइन CPI महंगाई गिरकर 2.1% पर पहुंच गई, जो पिछले 77 महीनों का सबसे निचला स्तर है। यह लगातार आठवां महीना है जब महंगाई घटी है। उन्होंने बताया कि यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में आई भारी कमी की वजह से हुई है। सब्जियों और दालों में दो अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जिससे फूड इंफ्लेशन -0.2% पर चला गया। यह फरवरी 2019 के बाद पहली बार है जब फूड इंफ्लेशन निगेटिव में आया है।
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गवर्नर ने कहा कि जुलाई में भी फल और सब्जियों की कीमतों में गिरावट जारी रही, जो दिखाता है कि कीमतों में गिरावट का रुझान अभी बना रहेगा। संजय मल्होत्रा ने कहा कि अब 2025-26 में महंगाई पहले के मुकाबले ज्यादा कंट्रोल में दिख रही है। इसके पीछे कई वजहें हैं।
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि 2025 की चौथी तिमाही और उसके बाद महंगाई 4% से ऊपर जा सकती है, क्योंकि उस समय बेस इफेक्ट और पहले किए गए नीति फैसलों का असर दिखाई देगा।
उन्होंने आगे कहा, इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए, 2025-26 में खुदरा महंगाई (CPI) का अनुमान 3.1% रखा गया है। दूसरी तिमाही में 2.1%, तीसरी में 3.1% और चौथी में 4.4% रहने की संभावना है। 2026-27 की पहली तिमाही में महंगाई 4.9% रह सकती है। कुल मिलाकर, महंगाई को लेकर हालात संतुलित हैं।”
RBI गवर्नर ने बताया कि फरवरी 2025 से अब तक 100 बेसिस पॉइंट की रेपो रेट कटौती की जा चुकी है, जिसका असर धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था और क्रेडिट मार्केट पर दिख रहा है।
उन्होंने कहा, “मौजूदा आर्थिक हालात और अनिश्चितताओं को देखते हुए, अभी के लिए 5.5% की रेपो रेट को बनाए रखना जरूरी है, ताकि इसका पूरा असर बाजार तक पहुंच सके।”
RBI गवर्नर ने बताया कि जनधन योजना को 10 साल पूरे हो चुके हैं और बड़ी संख्या में खातों को फिर से KYC (re-KYC) की जरूरत है। इसलिए 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक पंचायत स्तर पर बैंक कैंप लगाए जा रहे हैं। इन कैंपों में: