मई में उत्तर भारत में तपिश रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के साथ रेलवे ने पिछले साल की तुलना में मात्रा के हिसाब से कोयले की 9.3 प्रतिशत अतिरिक्त ढुलाई की है। वहीं सरकार के आंकड़ों के मुताबिक रेल नेटवर्क से ढुलाई की कुल मात्रा में पिछले महीने की तुलना में 3.9 प्रतिशत बढ़ी है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा,‘मई 2024 में 1,391.6 लाख टन माल की लदान हुई है, जो अप्रैल 2024 में 1,283.0 लाख टन था।’ मई महीने के दौरान भारतीय रेल ने माल ढुलाई से 15,230.9 करोड़ रुपये कमाई की है, जो पिछले महीने की तुलना में 8.2 प्रतिशत ज्यादा है।
मई 2024 में रेलवे ने 14,641 करोड़ रुपये कमाए थे, जिसकी तुलना में माल ढुलाई राजस्व 4 प्रतिशत बढ़ा है। मंत्रालय ने माल ढुलाई की मात्रा में पिछले एक साल में कोई सुधार नहीं किया है। रेलवे ने 2030 तक 300 करोड़ टन सालाना माल ढुलाई का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए उसे माल ढुलाई की मात्रा बढ़ाकर दोगुनी करनी होगी।
बहरहाल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव और गर्मियों की भीड़ के कारण रेल से यात्रियों की आवाजाही भी बढ़ी है। इसके कारण रेलवे 10,000 अतिरिक्त ट्रेनें चला रही है। कोयले की ढुलाई ताप बिजली संयंत्रों के लिए बहुत तेजी से हुई है।
अधिकारियों का कहना है कि गर्मियों को देखते हुए ढुलाई की बेहतर योजना के कारण ऐसा हो सका है। पूर्वी समर्पित माल ढुलाई गलियारा पूरी तरह से चालू होने के कारण भारतीय रेल नेटवर्क के कई भीड़भाड़ वाले प्वाइंट खत्म हुए हैं। यह नेटवर्क पंजाब को बिहार से जोड़ता है।
वित्त वर्ष के आंकड़ों से पता चलता है कि कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2024-25 के पहले दो महीनों अप्रैल और मई में कुल 2,674.7 लाख टन ढुलाई हुई है, जो इसके पहले के साल की तुलना में 2.7 प्रतिशत ज्यादा है।