राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा की गोपनीयता ध्यान में रखते हुए उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान (Gati Shakti National Master Plan) की जानकारी निजी क्षेत्र के साथ साझा करने की व्यवस्था का मसौदा तैयार कर लिया है। इस व्यवस्था में यह भी बताया जाएगा कि निजी कंपनी के पास सामाजिक एवं आर्थिक बुनियादी ढांचे से संबंधित जानकारी एवं आंकड़े देखने का कितना अधिकार होगा।
फिलहाल केंद्र एवं राज्य सरकारों के मंत्रालय अथवा विभाग ही बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की विस्तृत योजना तथा समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन के लिए पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘हम निजी क्षेत्र के साथ डेटा साझा करना चाहते हैं लेकिन हमें सतर्कता बरतनी होगी कि जानकारी किस हद तक साझा की जाए। राष्ट्रीय मास्टरप्लान में मौजूद जानकारी का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। इसके लिए एक व्यवस्था का मसौदा पहले ही तैयार किया जा चुका है।’ संबंधित मंत्रालयों की राय और टिप्पणी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएग।
फिलहाल राष्ट्रीय मास्टरप्लान पर जानकारी के 1,450 स्तर अपलोड किए गए हैं, जिनमें रेल, बंदरगाह एवं बंदरगाह कनेक्टिविटी, गैस पाइपलाइन, देश भर में ऑप्टिक फाइबर ले लेकर जमीन के रिकॉर्ड तक शामिल हैं। इनमें लोगों की निजी जानकारी भी हो सकती है। इसमें से 585 स्तर केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों ने अपलोड किए हैं और 872 स्तर राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने अपलोड किए हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ ही सरकार को गोपनीयता का ख्याल भी रखना होगा क्योंकि इसमें लोगों की व्यक्तिगत जानकारी भी हो सकती है।’
निजी कंपनियों को राष्ट्रीय मास्टरप्लान का इस्तेमाल इसलिए करने दिया जा रहा है क्योंकि इससे उन्हें बुनियादी ढांचा परियोजनाएं तेजी से पूरी करने में मदद मिलेगी।
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हालांकि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्हें किस हद तक इस्तेमाल का अधिकार दिया जाता है। चूंकि राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है, इसलिए निजी उपयोगकर्ता मास्टरप्लान का इस्तेमाल कैसे करें, इसका प्रोटोकॉल तैयार करना होगा। व्यवस्था का मसौदा तैयार करते समय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से भी राय ली गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब डेढ़ साल पहले गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान की घोषणा की थी। यह मास्टरप्लान विभिन्न मंत्रालयों की निर्माणाधीन एवं भावी परियोजनाओं का डेटाबेस है। कनेक्टिविटी की कमी दूर कर लॉजिस्टिक्स की लागत कम करने और डेटा के आधार पर निर्णय लेने के मकसद से यह योजना बनाई गई थी। अस्पताल एवं स्कूल जैसी देश की सामाजिक बुनियादी ढांचा जरूरतें पूरी करने के लिए भी इस मास्टरप्लान का उपयोग किया जा रहा है।