वस्तु एवं सेवा कर (GST) अप्रैल में एक साल पहले के मुकाबले 12 फीसदी बढ़कर 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा। GST लागू होने के बाद यह एक महीने में अब तक का सबसे अधिक संग्रह है।
साल के अंत में बिक्री, बेहतर अनुपालन और सतत आर्थिक वृद्धि की बदौलत रिकॉर्ड GST जुटाने में मदद मिली है। इससे पहले सबसे अधिक 1.68 लाख करोड़ रुपये का GST पिछले साल अप्रैल में मिला था।
यह लगातार पांचवां महीना है जब GST संग्रह 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। मार्च 2023 में 1.6 लाख करोड़ रुपये GST वसूला गया था। वित्त मंत्रालय ने कहा कि 20 अप्रैल को 9.8 लाख लेनदेन में 68,228 करोड़ रुपये का GST प्राप्त हुआ, जो अब तक किसी एक दिन में हासिल सबसे अधिक GST संग्रह है।
अभी तक के सर्वाधिक GST संग्रह पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट में कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए शानदार खबर! कम कर दरों के बावजूद कर संग्रह बढ़ना GST की सफलता दर्शाता है। इससे पता लगता है कि GST ने एकीकरण और अनुपालन को किस तरह बढ़ाया है।’
आंकड़ों से पता चलता है कि कुल संग्रह में CGST 38,440 करोड़ रुपये, राज्य SGST 47,412 करोड़ रुपये, IGST 89,158 करोड़ रुपये और उपकर 12,025 करोड़ रुपये रहा।
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डेलॉयट इंडिया में पार्टनर एम एस मणि ने कहा, ‘रिकॉर्ड GST संग्रह मार्च यानी वित्त वर्ष 2023 के अंतिम महीने के दौरान किए गए लेनदेन से आया है। इस दौरान कंपनियों को वित्त वर्ष का बहीखाता बंद करना होता है।’
अधिकतर बड़े राज्यों में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 20 फीसदी से ज्यादा GST संग्रह हुआ है। मंत्रालय ने कहा कि पहली बार GST संग्रह 1.75 लाख करोड़ रुपये के पार गया है। मार्च में कुल 9 करोड़ ईवे-बिल जारी किए गए, जो फरवरी के 8.1 करोड़ ईवे-बिल से 11 फीसदी अधिक है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘हाल के महीनों में GST संग्रह में 11 से 13 फीसदी की मजबूत वृद्धि बनी हुई है, लेकिन आधार सामान्य होने और मुद्रास्फीति में नरमी आने से आने वाली तिमाही में कर संग्रह की रफ्तार में थोड़ी कमी आ सकती है।’