प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत किशोर श्रेणी के ऋण का औसत आकार वित्त वर्ष 2024-25 घटकर 1,20,111 रुपये रह गया है। यह वित्त वर्ष 2015-16 के 2,08,037 रुपये की तुलना में कम है। बहरहाल शिशु श्रेणी में ऋण का औसत आकार 19,411 रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 37,403 रुपये हो गया है। वहीं तरुण श्रेणी में ऋण का आकार वित्त वर्ष 2016 के 7,67,555 रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 8,46,313 रुपये हो गया है।
ऋण खातों को देखें तो बिहार 5 शीर्ष राज्यों में सबसे ऊपर है, जहां 5.95 करोड़ खाते स्वीकृत हुए हैं। उसके बाद तमिलनाडु में 5.82 करोड़ ऋण खाते, उत्तर प्रदेश में 5.16 करोड़ ऋण खाते, पश्चिम बंगाल में 5.15 करोड़ ऋण खाते और कर्नाटक में 4.98 करोड़ ऋण खाते खुले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल, 2015 को पीएमएमवाई योजना की शुरुआत की थी। इसका लक्ष्य बगैर कोई गिरवीं रखे बैंकों से 20 लाख रुपये तक का संस्थागत ऋण मुहैया कराना है। वित्तीय सेवा विभाग ने कहा है कि यह पहल सूक्ष्म और लघु कारोबारियों तक संस्थागत ऋण की पहुंच बढ़ाने के लिए की गई है।