अर्थव्यवस्था

यूएई से गैर तेल कारोबार 100 अरब डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य: पीयूष गोयल

संयुक्त समिति में दोनों देशों के अधिकारी शामिल हैं, जिनका मकसद व्यापार समझौते की शर्तों की समीक्षा करना है

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श्रेया नंदी   
Last Updated- June 12, 2023 | 11:06 PM IST

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को कहा कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) अपने गैर-तेल द्विपक्षीय व्यापार को वर्ष 2030 तक 100 अरब डॉलर पर ले जाने को सहमत हुए हैं ।

भारत एवं यूएई के बीच समग्र आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) की संयुक्त समिति की पहली बैठक में गैर-तेल व्यापार को बढ़ाने के लक्ष्य पर सहमति जताई गई।

गोयल ने संयुक्त समिति की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमने मिलकर यह तय किया है कि अब हमें अधिक महत्त्वाकांक्षी होना चाहिए। इसलिए वर्ष 2030 तक कुल द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने के पिछले लक्ष्य के बजाय अब हम गैर-पेट्रोलियम कारोबार को ही 2030 तक 100 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहेंगे। इस तरह 7 साल में गैर-पेट्रोलियम कारोबार को दोगुने से भी अधिक करने का इरादा है।’

संयुक्त समिति में दोनों देशों के अधिकारी शामिल हैं, जिनका मकसद व्यापार समझौते की शर्तों की समीक्षा करना है। भारत-यूएई के बीच सीईपीए 1 मई 2022 से लागू है। यूएई के विदेश व्यापार राज्य मंत्री थानी बिन अहमद अल जेयोउदी ने कहा कि शुरुआती आंकड़ों से पता चलता है कि सीईपीए के शुरुआती 12 महीनों में गैर तेल का द्विपक्षीय कारोबार पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 5.8 प्रतिशत बढ़ा है।

वित्त वर्ष 23 के दौरान यूएई भारत का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल आयात का साझेदार था, जिसकी हिस्सेदारी 10 प्रतिशत से ज्यादा है।

उन्होंने कहा, ‘ये आंकड़े ऐसे समय में आए हैं, जब 2022 की तीसरी और चौथी तिमाही में वैश्विक व्यापार तेजी से घटा है। इससे साबित होता है कि हमने सही मायने में वृद्धि दर्ज की है। 2023 की पहली तिमाही में आंकड़े ज्यादा प्रभावशाली हैं। साल के पहले 3 महीने में कुल द्विपक्षीय कारोबार 13.2 अरब डॉलर पहुंच गया है और पिछली तिमाही की तुलना में 16.3 प्रतिशत वृद्धि हुई है।’

व्यापार समझौते के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने के लिए आगे चलकर विभिन्न समितियों और उपसमितियों का गठन होगा, जो वस्तुओं के कारोबार, सीमा शुल्क संबंधी सुविधा प्रदान करने के लिए, वस्तुओं के मूल देश के नियम, कारोबार संबंधी समाधान, निवेश सुविधा सहित अन्य मामलों को देखेंगी।

सेवाओं के कारोबार संबंधी मामलों को देखने के लिए एक नई उप समिति का गठन किया जाएगा। गोयल ने कहा, ‘दोनों देशों के बीच भारत-यूएई सीईपीए परिषद के गठन पर भी सहमति बनी। यह परिषद दोनों देशों की सरकारों के लिए समझौते के क्रियान्वयन संबंधी माध्यम के तौर पर काम करेगी।’ गोयल ने कहा कि परिषद का एमएसएमई, स्टार्टअप, महिला उद्यमियों पर विशेष ध्यान होगा।

रुपये दिरहम में कारोबार

गोयल ने कहा कि दोनों देशों के केंद्रीय बैंक रुपया-दिरहम में व्यापार करने को लेकर चर्चा कर रहे हैं, जिससे लेन-देन की लागत में कमी आ सके। इस पर बहुत तेजी से प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके बेहतर परिणाम जल्द आने की संभावना है। गोयल ने कहा, ‘हमें भरोसा है कि दोनों पक्षों पर उच्च स्तर पर चल रही सक्रियता के कारण न सिर्फ रुपये दिरहम में कारोबार होगा, बल्कि अन्य डिजिटल तकनीकों को भी भारत -यूएई ढांचे का हिस्सा बनाया जा सकेगा। हमारे पास बहुत अच्छी चीजें हैं, जिसकी पेशकश हम एक दूसरे को कर सकते हैं।’

First Published : June 12, 2023 | 11:06 PM IST