अर्थव्यवस्था

सरकार लाएगी एकीकृत ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य

दुबई की वैश्विक पोर्ट दिग्गज डीपी वर्ल्ड के मुताबिक बंदरगाह केंद्रित औद्योगीकरण से भारत को उसी तरह लाभ होगा, जैसा कि पश्चिम एशिया को हुआ है।

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ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- October 28, 2025 | 10:11 PM IST

राजमार्ग, रेलवे, शिपिंग और बंदरगाह जैसे परिवहन से जुड़े विभिन्न मंत्रालयों के बीच तेज और समग्र योजना के लिए सरकार एकीकृत परिवहन योजना प्राधिकरण बनाने पर विचार कर रही है। इससे गलियारे पर आधारित विकास संभव हो सकेगा और संपर्क से जुड़े कार्यों में तेजी आएगी।

इंडिया मैरीटाइम वीक के दौरान बंदरगाह मंत्रालय में संयुक्त सचिव आर लक्ष्मणन ने कहा, ‘अगले दशक के लिए एक कनेक्टिविटी योजना दस्तावेज है। इसके अलावा सरकार एक एकीकृत परिवहन योजना प्राधिकरण बनाने की प्रक्रिया में है। इससे वर्तमान संरचना एक मजबूत संस्थागत ढांचे में बदल जाएगी और परिवहन के विभिन्न माध्यमों में दीर्घकालिक योजना बन सकेगी।’

उन्होंने कहा कि अन्य देशों से इस तरह के सफल उदाहरण मिले हैं। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने पहली बार 9 अप्रैल को एकीकृत प्राधिकरण पर विचार-विमर्श की खबर दी थी।

इसके अलावा सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार सागरमाला 2.0 में नई तकनीकों और हरित बदलाव से जुड़ी परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (वीजीएफ) मुहैया कराएगी। यह परियोजना अगले दशक तक चलेगी। सागरमाला 2.0 एक नवीनीकृत कार्यक्रम है, जिसमें जहाज निर्माण, मरम्मत, ब्रेकिंग और रीसाइक्लिंग पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इसका उद्देश्य अगले दशक में 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश को प्रेरित करना है, जिसे 40,000 करोड़ रुपये का बजट समर्थन दिया गया है। सरकार हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (एचएएम) की तरह नए निवेश मॉडल पर भी काम कर रही है, जिन्हें पहले बंदरगाह क्षेत्र में कभी नहीं आजमाया गया है और सह-निवेश मॉडल पर भी काम कर रही है।

सह निवेश मॉडल के तहत, सरकारी बंदरगाह प्राधिकरण, निजी बंदरगाह ऑपरेटरों के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से परियोजनाओं में सह निवेशक होंगे। उद्योग को उम्मीद है कि कई मोर्चों पर प्रयास से बंदरगाह अर्थव्यवस्था, बंदरगाहों से बहुत आगे बढ़ेगी और एकीकृत औद्योगीकरण का हिस्सा बनेगी। दुबई की वैश्विक पोर्ट दिग्गज डीपी वर्ल्ड के मुताबिक बंदरगाह केंद्रित औद्योगीकरण से भारत को उसी तरह लाभ होगा, जैसा कि पश्चिम एशिया को हुआ है।

डीपी वर्ल्ड के उत्तरी अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप के सीईओ और प्रबंध निदेशक रिज़वान सूमर ने कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘जब हमने जेबेल अली पोर्ट शुरू किया था, तो मूलतः ट्रांसशिपमेंट पर विचार किया गया था। हमें जल्द ही एहसास हो गया कि सिर्फ ट्रांसशिपमेंट से कोई फायदा नहीं होगा। हमने जेबेल अली फ्री जोन बनाया। पिछले 25 वर्षों में इसने 11,000 कंपनियों को आकर्षित किया है। फ्री जोन और जेबेल अली पोर्ट का दुबई के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान 40 प्रतिशत से ज्यादा है।’

अदाणी पोर्ट्स ऐंड स्पेशल इकनॉमिक जोन भारत की बुनियादी ढांचा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी है, जो क्लस्टर और विशेष औद्योगिक क्षेत्र बनाने की दिशा में तेजी से बढ़ रही है। कार्यक्रम में बोलते हुए कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी अश्विनी गुप्ता ने कहा कि भारत विश्व के श्रेष्ठ पोर्ट इकोसिस्टम बनने की ओर बढ़ रहा है।

First Published : October 28, 2025 | 9:55 PM IST