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डीएपी और सल्फर पर बढ़ी सब्सिडी, किसानों को महंगे उर्वरकों से मिलेगी राहत

पीएम मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने फॉस्फोरस पर सब्सिडी पिछले खरीफ सीजन की 43.60 रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर चालू रबी सीजन के लिए 47.96 रुपये प्रति किलो कर दी है।

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- October 28, 2025 | 10:49 PM IST

केंद्र सरकार ने मंगलवार को मौजूदा रबी सीजन के लिए फॉस्फोरस और सल्फर उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ा दी है। उर्वरक निर्माताओं की बढ़ती आयात लागत और किसानों को मूल्य वृद्धि से राहत देने के लिए 37,952 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। लेकिन नाइट्रोजन और पोटाश के लिए सब्सिडी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। नई दरें इसी माह 1 अक्टूबर से 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी रहेंगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने फॉस्फोरस पर सब्सिडी पिछले खरीफ सीजन की 43.60 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर चालू रबी सीजन के लिए 47.96 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है। इस 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ पिछले रबी सीजन से अब तक यह बढ़ोतरी लगभग 56 प्रतिशत रही है। इसी तरह सल्फर पर सब्सिडी को खरीफ के 2.61 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर मौजूदा रबी में 2.87 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया गया है।

सल्फर में भी लगभग 10 प्रतिशत की इस वृद्धि के साथ पिछले रबी सीजन से अब तक लगभग 63 प्रतिशत हो गई है। लेकिन, सरकार ने नाइट्रोजन और पोटाश के लिए सब्सिडी दर पहले की तरह क्रमशः 43.02 रुपये प्रति किलोग्राम और 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम ही रखी है। फॉस्फोरस और सल्फर के लिए सब्सिडी में वृद्धि मुख्य रूप से फास्फोरिक एसिड, सल्फर और तैयार डाय-अमोनिया फॉस्फेट (डीएपी) दोनों की कीमतें बढ़ने के कारण की गई है।

आंकड़ों से पता चलता है कि फास्फोरिक एसिड की कुल कीमत जून में कुल लागत और भाड़ा मिलाकर लगभग 1055 डॉलर प्रति टन से बढ़कर सितंबर में 1258 डॉलर प्रति टन हो गई है, जबकि सल्फर की कीमत 150 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 288 डॉलर प्रति टन पहुंच गई है। तैयार डीएपी की कुल मिलाकर कीमत इस वर्ष अप्रैल में लगभग 680 डॉलर प्रति टन से बढ़कर लगभग 790 डॉलर प्रति टन हो गई है, जो लगभग 16.17 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, ‘अनुमोदित सब्सिडी पिछले रबी सीजन से लगभग 14,000 करोड़ रुपये अधिक है। पिछले रबी सीजन के दौरान, सब्सिडी लगभग 24,000 करोड़ रुपये थी।”

उन्होंने कहा कि आयात मूल्य और पोषक तत्व की आवश्यकता, सब्सिडी का बोझ और अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) जैसे अन्य कारकों को ध्यान में रखते हुए सब्सिडी दर तय की गई है।
सरकार ने किसानों को बिना किसी बढ़ी हुई एमआरपी के डाय-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (टीएसपी) की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष पैकेज प्रदान किया है।
पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना केंद्र सरकार की एक पहल है जो गैर-यूरिया उर्वरकों पर उनके पोषक तत्व सामग्री के आधार पर विशेष रूप से नाइट्रोजन, फॉस्फेट, पोटाश और सल्फर के लिए सब्सिडी देती है।

सब्सिडी पीऐंडके उर्वरकों में निहित प्रत्येक पोषक तत्व के लिए प्रति किलोग्राम निर्धारित की जाती है, जिसमें वैश्विक और घरेलू कीमतों, इन्वेंट्री और मुद्रा विनिमय दरों के आधार पर वार्षिक या द्वि-वार्षिक रूप से दरों की घोषणा की जाती है। एनबीएस के तहत यूरिया को छोड़कर, केवल फास्फेटिक और पोटाशयुक्त उर्वरक (डीएपी, एमओपी, एसएसपी, एनपीके और कॉम्प्लेक्स सहित 28-प्लस ग्रेड) शामिल हैं।

First Published : October 28, 2025 | 10:24 PM IST