कंपनियां

आकाश एजुकेशनल सर्विसेज को राहत, एनसीएलएटी ने ईजीएम पर रोक से किया इनकार

इस ईजीएम का मकसद राइट्स इश्यू को मंजूरी देना है और अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो आकाश में बैजूस की हिस्सेदारी 25.75 फीसदी से घटकर करीब 5 फीसदी रह जाएगी।

Published by
भाविनी मिश्रा   
Last Updated- October 28, 2025 | 10:41 PM IST

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील न्यायाधिकरण (NCLAT) के चेन्नई पीठ ने आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (एईएसएल) की 29 अक्टूबर को निर्धारित असाधारण आम बैठक (ईजीएम) पर रोक लगाने से इनकार करते हुए जीएलएएस ट्रस्ट कंपनी एलएलसी के अनुरोध को खारिज कर दिया, जो संकटग्रस्त एड टेक फर्म बैजूस के अमेरिकी ऋणदाताओं का प्रतिनिधित्व करती है।

इस ईजीएम का मकसद राइट्स इश्यू को मंजूरी देना है और अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो आकाश में बैजूस की हिस्सेदारी 25.75 फीसदी से घटकर करीब 5 फीसदी रह जाएगी। बैजूस की मूल कंपनी थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड (टीएलपीएल) अभी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है और नए शेयर नहीं खरीद सकती।

न्यायमूर्ति एन शेषशायी और तकनीकी सदस्य जतिन्द्रनाथ स्वैन के खंडपीठ ने कहा कि अगर सहायक कंपनी को व्यावसायिक रूप से खत्म कर दिया जाता है तो आकाश में बैजूस की हिस्सेदारी का मूल्य संरक्षित नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने कहा, दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) की भावना सबसे अच्छी तरह से तब पूरी होती है जब जिन कंपनियों में कॉरपोरेट देनदार (जिस पर कर्ज है) के कुछ शेयर हैं, उन्हें समृद्ध होने की अनुमति दी जाती है, भले ही नियंत्रण शक्ति किसी के पास हो। अपील न्यायाधिकरण ने जीएलएएस ट्रस्ट, आकाश और टीएलपीएल के प्रबंधन के लिए नियुक्त समाधान पेशेवर (आरपी) की विस्तृत प्रस्तुतियों पर नजर डाली।

First Published : October 28, 2025 | 10:21 PM IST