पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन सुप्रतिम बंद्योपाध्याय ने कहा है कि नियामक नए एन्यूटी उत्पादों की अनुमति देने पर विचार कर सकता है।
हालांकि, एन्यूटी से इतर उत्पादों की अनुमति देने के लिए प्राधिकरण को पीएफआरडीए अधिनियम में संशोधन होने तक का इंतजार करना होगा। यह अधिनियम संशोधन के लिए संसद के चालू सत्र में सूचीबद्घ है।
अधिनियम में पीएफआरडीए को केवल एन्यूटी उत्पादों की अनुमति देने की शक्ति दी गई है। बंद्योपाध्याय ने स्पष्ट किया, ‘हम एन्यूटियों से इतर उत्पादों पर भी विचार कर सकते हैं लेकिन यह पीएफआरडीए अधिनियम में संशोधन के अधीन है।’
हालांकि, विभिन्न प्रकार के एन्यूटी उत्पाद हो सकते हैं जैसे कि परिवर्तनीय एन्यूटी मुहैया कराने वाले। उन्होंने कहा, ‘इन उत्पादों पर विचार करने के लिए हमें पीएफआरडीए अधिनियम में बदलाव किए जाने का इंतजार नहीं करना होगा।’ मुद्रास्फीति संबद्घ उत्पादों की भी चर्चा है जिसके लिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने एक समिति बनाई है। पीएफआरडीए के चेयरमैन ने कहा, ‘यदि इन उत्पादों को आगे बढ़ाने की अनुमति मिलती है तो हम इनकी अनुमति देंगे।’
इससे पहले भारतीय उद्योग परिसंघ के एक कार्यक्रम में बोलते हुए बजाज आलियांज लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के बीमांकक अवधेश गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जीवन बीमा क्षेत्र की एंडोवमेंट योजनाएं प्रचलित हो गई हैं। इसके तहत ग्राहकों को दीर्घकालिक आय प्राप्त होती है।
उन्होंने कहा, ‘ये करमुक्त आय प्रदान करती हैं। भले ही ये पूरी तरह से एन्यूटी नहीं होती हैं लेकिन ये लंबी अवधि विशेष तौर पर सेवानिवृत्ति आय जरूरतों को पूरा करने के लिए उपलब्ध होती हैं।’
उन्होंने कहा कि पिछले एक दो वर्षों में विलंबित एन्यूटी उत्पाद भी बहुत प्रचलित हुए हैं। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि इन उत्पादों पर भी विचार किया जाए।
पीएफआरडीए के चेयरमैन ने कहा कि आज एन्यूटी द्वारा सबसे कम रिटर्न 5.2 फीसदी का दिया जाता है। दीर्घावधि ब्याज दरों में फेरबदल के हिसाब से इसमें कमी आएगी। निश्चित रिटर्न वाली एन्यूटी ऐसे लोग लेते हैं जिन्हें बताया जाता है कि यह उनके लिए सबसे अच्छा साबित होगा।
उन्होंने कहा, ‘लोग इसके बारे में बिना सवाल किए इसे स्वीकार कर लेते हैं। लोगों को इस प्रकार से बताया जाता रहा तो उनकी मानसिकता बदलने वाली नहीं है। हमें उन्हें वह बताना होगा जो उनके हित में सबसे अच्छा हो।’
दीर्घावधि बॉन्डों को लेकर उन्होंने कहा कि ये अब तक बाजार में उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि इनकी मांग नहीं है। उन्होंने कहा कि विगत 12 वर्षों में नई पेंशन प्रणाली (एनपीएस) ने ग्राहकों के लिए अच्छा रिटर्न सृजित किया है और लोगों को इसका लाभ उठाने के लिए इससे जल्दी जुडऩा चाहिए। इसकी प्रकृति लचीली है।
बंद्योपाध्याय ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘फिलहाल हमारे पास कुल करीब 6.85 लाख करोड़ रुपये की निधि है। रिटर्न काफी बेहतर रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘लचीलापन इस संदर्भ में है कि खाते को चालू रखने के लिए आपको केवल 1,000 रुपये का भुगतान करना होता है। इसमें निश्यित योगदान का प्रावधान नहीं है और आप किसी भी स्तर तक योगदान कर सकते हैं।’
