तेल निर्यातक देशों की संस्था यानी ओपेक की कमाई इस साल 900 अरब डॉलर से ज्यादा होगी क्योंकि इसके सदस्य देशों द्वारा बेची जाने वाली कच्चे तेल की औसत कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई है।
अमेरिकी सरकार की एनर्जी इन्फर्मेशन एडमिनिस्ट्रेशन (ईआईए) के मुताबिक 2008 में तेल के निर्यात से ओपेक के सदस्य देशों की कुल कमाई 927 अरब डॉलर के आसपास रहेगी। ईआईए ने जनवरी में कुछ और अनुमान लगाया थाऔर ताजा अनुमान पहले के मुकाबले 9 फीसदी ज्यादा है।
पिछले तीन हफ्ते में अमेरिकी क्रूड वायदा में कारोबार 100 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर हुआ है और 13 मार्च को यह सर्वाधिक 111 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया था। ओपेक का बास्केट प्राइस अमेरिकी वायदा से सस्ता है। गौरतलब है कि दुनिया की कुल तेल का 40 फीसदी अकेले ओपेक उत्पादित करता है। लंदन स्थित एक विशेषज्ञ ने कहा – हमारा अनुमान है कि 2011 तक कच्च्चा तेल 140 डॉलर प्रति बैरल को पार कर जाएगा।
उन्होंने कहा कि गैर-ओपेक देशों में ऑयल फील्ड पुराना पड़ रहा है और ये ज्यादा तेल का उत्पादन नहीं कर सकते। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में गिरावट के संकेत के बाद से ही तेल की धार मजबूत होने लगी थी। अमेरिकी डॉलर में कमजोरी से भी इसे काफी समर्थन मिला। ईआईए के मुताबिक, पिछले साल तेल निर्यात से ओपेक को 676 अरब डॉलर की आय हुई थी। दुनिया के सबसे बडे तेल निर्यातक सऊदी अरब ने इस दौरान 194 बिलियन डॉलर का राजस्व अर्जित किया था। ईआईए के अनुमान के मुताबिक अगर कमाई को सामूहिक रूप से देखा जाए तो ओपेक देशों में तेल से प्रति व्यक्ति आय 1146 डॉलर की रही।