मौजूदा समय में माइनों, बिजली संयंत्रों और परिवहन के दौरान उपलब्ध कोयले की स्टॉक मात्रा 110.58 मिलियन टन है। यह पिछले साल हमारे पास कोयले की मात्रा से 44.22% ज्यादा है, जो 76.67 मिलियन टन थी। कोयला मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी शेयर की।
कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) द्वारा 13 जून को भंडारित कोयले की मात्रा 59.73 मिलियन टन थी। यह पिछले साल उनके पास मौजूद कोयले की मात्रा से 25.77% अधिक है, जो 47.49 मिलियन टन था। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष (FY24) में 13 जून तक बिजली क्षेत्र को भेजे गए कुल कोयले की मात्रा 164.84 मिलियन टन रही। पिछले साल (FY23) की इसी अवधि के दौरान 156.83 मिलियन टन कोयला बिजली क्षेत्र को भेजा गया था।
पिछले साल, 1 अप्रैल को थर्मल पावर प्लांट्स (टीपीपी) में भंडारित कोयले की मात्रा 24.04 मिलियन टन थी, और 13 जून तक यह घटकर 22.57 मिलियन टन हो गई थी, जो 6.1% की गिरावट थी। हालांकि, इस साल कोयला मंत्रालय ने बताया कि 1 अप्रैल और 13 जून को टीपीपी पर स्टॉक 34.5 मिलियन टन पर ही बना रहा। इसका मतलब यह है कि गर्मी के मौसम के पिछले ढाई महीनों के दौरान कोयले के किसी भी स्टॉक में गिरावट देखने को नहीं मिली।
लगभग 53.1 प्रतिशत की वृद्धि दिखाते हुए, मंत्रालय ने कहा कि इस वर्ष 13 जून तक टीपीपी में कोयले का स्टॉक 34.55 मीट्रिक टन है, जो कि पिछले साल 22.57 मीट्रिक टन था।
चालू वित्त वर्ष में 13 जून तक उत्पादित कोयले की कुल मात्रा 182.06 मिलियन टन रही, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के दौरान हुए 168.17 मिलियन टन के उत्पादन से अधिक है। यह 8.26% की वृद्धि दर को दर्शाता है। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष के लिए 13 जून तक भेजे गए कोयले की कुल मात्रा 196.87 मिलियन टन रही, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह 182.78 मिलियन टन थी।