facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

साल भर नहीं आएगी कोई नई योजना

Last Updated- December 15, 2022 | 8:03 PM IST

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने अर्थव्यवस्था में सुधार करने और कोविड-19 संकट के बीच असुरक्षित भागों को मदद देने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज से इतर किसी भी नई योजना के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। 
व्यय विभाग की ओर से जारी किए गए कार्यालय ज्ञापन से पता चलता है कि सैद्धांतिक मंजूरी पा चुकी 500 करोड़ रुपये तक की नई योजनाओं को भी चालू वित्त वर्ष में निलंबित कर दिया गया है। 
वित्त मंत्रालय पहले ही 2020-21 के लिए मौजूदा योजनाओं को जारी रखने की अंतरिम मंजूरी दे चुका है।  
हालांकि, यह इस साल आगे चलकर 15वें वित्‍त आयोग की सिफारिशों को मंजूर किए जाने के बाद खजाने के स्रोत की स्थिति के मूल्यांकन पर निर्भर करेगा। 
अप्रैल में सरकार ने पहली तिमाही में खर्च पर अंकुश लगाने की घोषणा की थी। अधिकांश मंत्रालयों और विभागों द्वारा पहली तिमाही के व्यय में 15 से 20 फीसदी की कटौती की गई। केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में वृद्धि को भी रोकने का निर्णय लिया था।
पिछले महीने सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक सरकारी खजाने को महज 2 लाख करोड़ रुपये का झटका लगा है।
सरकार ने 2020-21 के लिए अपना खर्च 30.4 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया है जो इसके पिछले वित्त वर्ष के 26.9 लाख करोड़ रुपये से करीब 13 फीसदी अधिक है। 
हालांकि, भारत में कोविड-19 के प्रकोप के बाद इस संख्या में बड़े बदलाव नजर आएंगे। चालू वित्त वर्ष में सरकार पहले ही 4.2 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त उधारी के साथ 12 लाख करोड़ रुपये की उधारी जुटाने की योजना बना चुकी है।

First Published - June 6, 2020 | 12:28 AM IST

संबंधित पोस्ट