facebookmetapixel
वित्त मंत्री सीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, GST 2.0 के सपोर्ट के लिए दिया धन्यवादAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यानDividend Stocks: सितंबर के दूसरे हफ्ते में बरसने वाला है मुनाफा, 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड₹30,000 से ₹50,000 कमाते हैं? ऐसे करें सेविंग और निवेश, एक्सपर्ट ने बताए गोल्डन टिप्स

ई-श्रम पोर्टल पर नए रजिस्ट्रेशन हो गए कम, लक्ष्य से करीब 4 करोड़ हुए पंजीकरण

राज्यों को लक्ष्य दिए जाने में साफ तौर तरीके का अभाव और कामगारों को पंजीकरण में लुभाने के लिए प्रोत्साहन की कमी की वजह से ऐसा हो रहा है

Last Updated- July 02, 2023 | 11:55 PM IST
28.66 crore unorganized workers have registered on Shram Portal

केंद्र सरकार नैशनल डेटाबेस आफ अनऑर्गेनाइज्ड वर्कर्स (एनडीयूडब्ल्यू) या ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण पर लगातार जोर दे रही है, वहीं पोर्टल पर नए पंजीकरण में उल्लेखनीय कमी आई है। राज्यों को लक्ष्य दिए जाने में साफ तौर तरीके का अभाव और कामगारों को पंजीकरण में लुभाने के लिए प्रोत्साहन की कमी की वजह से ऐसा हो रहा है।

श्रम मंत्रालय ने अगस्त 2021 में पोर्टल शुरू किया था, जिससे अनुमानित रूप से 38 करोड़ असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय आंकड़ा तैयार किया जा सके। इनमें घरों में काम करने वाले, कृषि श्रमिक, निर्माण में लगे श्रमिक, गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स आदि शामिल हैं। केंद्र सरकार ने अगस्त 2021 में परियोजना शुरू होने पर डेटाबेस तैयार करने का लक्ष्य दिया था, जिसमें ऐसे श्रमिकों के नाम, पेशे, पता, शैक्षणिक योग्यता, कौशल के प्रकार आदि का ब्योरा दर्ज करना था।

अगस्त 2021 और मार्च 2022 के बीच 27 करोड़ असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के बाद 2022-23 में महज 1.17 करोड़ श्रमिक पंजीकृत किए गए, जबकि 5 करोड़ का लक्ष्य दिया गया था।

लोकसभा में दिए गए आंकड़ों से पता चलता है कि 27 मार्च, 2023 को सिर्फ उत्तर प्रदेश (124.7 प्रतिशत), ओडिशा (102.7 प्रतिशत) और छत्तीसगढ़ (100.4 प्रतिशत) ने पंजीकरण का लक्ष्य इस अवधि के दौरान हासिल किया। वहीं तेलंगाना (38.5 प्रतिशत), तमिलनाडु (38.6 प्रतिशत), महाराष्ट्र (39.3 प्रतिशत) और कर्नाटक (39.8 प्रतिशत) निचले पायदान पर रहे।

एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि विभिन्न श्रम विभागों ने राज्यों को लक्ष्य दिए जाने को लेकर साफ तौर तरीके की कमी के बारे में बताया और कहा कि इसकी वजह से लक्ष्य हासिल करने में दिक्कत आई है।

महाराष्ट्र के एक अधिकारी ने कहा, ‘राज्यों को दिया गया लक्ष्य श्रम ब्यूरो के सर्वे के रोजगार और बेरोजगारी के आंकड़ों पर आधारित है, जो 2014 में हुआ था। इससे 2021 की सही तस्वीर नहीं मिल सकती है। महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में श्रमिक आते हैं। इसलिए बड़े पैमाने पर श्रमिकों का उनके गृह राज्य में पंजीकरण है। इसकी वजह से औद्योगिक राज्यों के लक्ष्य में गिरावट आई है।’

First Published - July 2, 2023 | 11:55 PM IST

संबंधित पोस्ट