चालू वित्त वर्ष (FY26) में अब तक नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7 फीसदी बढ़कर 12.92 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। इसकी वजह कॉर्पोरेट टैक्स से बेहतर वसूली और रिफंड में सुस्ती बताई जा रही है। 1 अप्रैल से 10 नवंबर के बीच रिफंड जारी करने में 18 फीसदी की गिरावट आई है और यह 2.42 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा।
इस अवधि के दौरान नेट कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन लगभग 5.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जो 2024 की समान अवधि में 5.08 लाख करोड़ रुपये था।
नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स— जिसमें पर्सनल और हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) शामिल हैं— से चालू वित्त वर्ष में अब तक लगभग 7.19 लाख करोड़ रुपये की वसूली हुई है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि में करीब 6.62 लाख करोड़ रुपये थी।
सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) कलेक्शन चालू वित्त वर्ष में अब तक 35,682 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 35,923 करोड़ रुपये की तुलना में मामूली रूप से कम है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में STT से 78,000 करोड़ रुपये जुटाना है।
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रिफंड एडजस्ट करने से पहले ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष में अब तक 15.35 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 2.15 फीसदी अधिक है।
कुल मिलाकर नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन — जिसमें पर्सनल इनकम टैक्स और कॉर्पोरेट टैक्स शामिल हैं — चालू वित्त वर्ष में 10 नवंबर तक सालाना आधार पर 7 फीसदी बढ़कर 12.92 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया। पिछले वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा लगभग 12.08 लाख करोड़ रुपये था।
डेलॉयट इंडिया के भागीदार रोहिंटन सिधवा ने कहा कि आंकड़े दर्शाते हैं कि पिछले साल ब्याज दरों में भारी कटौती के बावजूद नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में उल्लेखनीय वृद्धि जारी है। यह एक बहुत अच्छा संकेत है, जो आय स्तर में मजबूत वृद्धि को दर्शाता है।
(PTI इनपुट के साथ)