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भारत को रोजगार संकट से बचाने के लिए दोगुनी तेजी जरूरी: Morgan Stanley

युवा बेरोजगारी 17.6% तक, अधेरोजगारी बढ़ी; अर्थव्यवस्था को रोजगार सृजन के लिए हर साल 12.2% तेजी से बढ़ना जरूरी

Last Updated- September 30, 2025 | 3:24 PM IST
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भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, लेकिन देश के युवा रोजगार बाजार में गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। युवा बेरोजगारी दर अब 17.6% तक पहुंच गई है, जो दक्षिण एशिया में सबसे अधिक है। वहीं, कृषि क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की संख्या पिछले 17 साल में सबसे अधिक हो गई है। इसका मतलब यह है कि औद्योगिक और सेवा क्षेत्रों में पर्याप्त रोजगार नहीं मिल पा रहा, और लोग अपने हुनर के अनुसार काम नहीं पा रहे।

Morgan Stanley के अर्थशास्त्रियों ने चेताया है कि भारत की अर्थव्यवस्था को अपनी अधेरोजगारी (काम की कमी या सही काम न मिलना) की समस्या हल करने के लिए हर साल 12.2% तेजी से बढ़ना जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो लाखों युवा बेरोजगार रह सकते हैं और इससे समाज में तनाव बढ़ सकता है।

भारत में अधेरोजगारी और बेरोजगारी की स्थिति कैसी है?

भारत में काम का आकलन करना मुश्किल है क्योंकि यहां किसी को भी रोजगार में तब गिना जाता है जब उसने पिछले सप्ताह कम से कम एक घंटा काम किया हो। इसमें अवैतनिक पारिवारिक काम भी शामिल है। इससे देश में रोजगार की असली स्थिति का पता नहीं चलता और अधेरोजगारी बढ़ जाती है।

भारत की आर्थिक वृद्धि और नए रोजगार में क्या चुनौती है?

सरकार के अनुसार भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.3%–6.8% है। लेकिन इतनी बढ़त रोजगार बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। अगले 10 साल में लगभग 8.4 करोड़ लोग कामकाजी उम्र में आएंगे। अगर अर्थव्यवस्था जल्दी नहीं बढ़ी, तो करोड़ों युवा अच्छे रोजगार से वंचित रह जाएंगे। काम की कमी से समाज में तनाव बढ़ सकता है और विदेशों में नौकरी पाने वाले युवाओं पर भी दबाव बढ़ेगा, खासकर जब H-1B वीजा महंगे हो रहे हैं।

गरीबी और खर्च करने की क्षमता रोजगार पर कैसे असर डालती है?

देश में लगभग 60 करोड़ लोग अभी भी ₹324 प्रतिदिन से कम में जीवन यापन कर रहे हैं। हाल ही में वर्ल्ड बैंक ने गरीबी रेखा की सीमा बढ़ाकर ₹373 प्रतिदिन कर दी है। इसका मतलब यह है कि अब पहले से ज्यादा लोग गरीब या कमजोर वर्ग में गिने जाएंगे। गरीबी बढ़ने से लोगों की खरीददारी कम होगी और इससे नए रोजगार बनाने पर भी बुरा असर पड़ेगा।

तकनीक और ऑटोमेशन से नौकरियों पर क्या असर पड़ सकता है?

AI और ऑटोमेशन के तेजी से बढ़ने से पुराने सेवा क्षेत्र में नौकरियां कम हो सकती हैं। यह क्षेत्र लंबे समय तक पढ़े-लिखे युवाओं के लिए मुख्य अवसर रहा है। अगर भारत एडवांस उद्योग, तकनीक और स्किल डेवलपमेंट में निवेश नहीं बढ़ाएगा, तो युवा रोजगार की जरूरतों से पीछे रह जाएंगे।

क्या करना होगा

देश में ज्यादा रोजगार और युवाओं के बेहतर विकास के लिए औद्योगिक विस्तार, निर्यात बढ़ाना, सड़कों और फैक्ट्रियों जैसी इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास, और युवाओं के स्किल सुधार के बड़े कार्यक्रम जरूरी हैं। तभी भारत लाखों युवाओं को सही काम दे सकेगा और अर्थव्यवस्था लगातार बढ़ती रहेगी। (ब्लमूबर्ग के इनपुट के साथ)

First Published - September 30, 2025 | 3:24 PM IST

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