वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना की घोषणा की है। इसके तहत केंद्र सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक इन संपत्तियों का मुद्रीकरण करेगी। यह केंद्र सरकार की राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन बजट का 14 फीसदी है। इस योजना के दायरे में 12 मंत्रालयों और विभागों की 20 तरह की संपत्तियां आएंगी, जिनमें मूल्य के लिहाज से सड़क, रेलवे और बिजली क्षेत्र की परियोजनाएं प्रमुख हैं।
सीतारमण ने योजना की घोषणा करते हुए आज कहा, ‘संपत्ति मुद्रीकरण कार्यक्रम का उद्देश्य नया बुनियादी ढांचा तैयार करने के लिए निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करना है। यह रोजगार के अवसरों, उच्च आर्थिक वृद्घि और समग्र लोक कल्याण के लिए ग्रामीण तथा कस्बाई इलाकों को सुगमता से एकीकृत करने के लिए आवश्यक है।’
उन्होंने बुनियादी ढांचा विकास तेज करने और निजी क्षेत्र के निवेशकों को बढ़ावा देने की दिशा में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए गए सुधारों और पहलों का भी उल्लेख किया। इनमें राज्य सरकारों को नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए अपनी संपत्तियों के पुनर्चक्रण हेतु प्रोत्साहित करने की योजना भी शामिल है।
करीब 26,700 किलोमीटर लंबाई की सड़क परियोजनाओं से 1.6 लाख करोड़ रुपये मुद्रीकरण करने की योजना है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय टोल, परिचालन और हस्तांतरण (टीओटी) तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (इनविट) मॉडल के जरिये संचालित करेगा। करीब 28,609 सर्किट किलोमीटर की बिजली पारेषण लाइनों का मुद्रीकरण कर 45,200 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। इसे पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन द्वारा अंजाम दिया जाएगा। छह गीगावाट की पनबिजली और सौर ऊर्जा संपत्तियों से सरकार को 39,832 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। गेल 8,154 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का मुद्रीकरण 24,462 करोड़ रुपये के सांकेतिक मूल्य पर करेगी। आईओसीएल, एचपीसीएल और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा 3,390 करोड़ रुपये की संपत्तियों का मुद्रीकरण भी किया जाएगा।
सरकार वेयरहाउस संपत्तियों के मुद्रीकरण से भी करीब 28,900 करोड़ रुपये जुटाएगी। ये संपत्तियां फिलहाल भारतीय खाद्य निगम और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के स्वामित्व में है। रेलवे के लिए सरकार ने रेलवे स्टेशनों, यात्री रेलगाडिय़ों, मालगादामों, कोंकण रेलवे, हिल रेलवे, समर्पित मालवहन गलियारे, रेलवे के स्टेडियम का मुद्रीकरण करने की योजना बनाई है, जिससे करीब 1.52 लाख करोड़ रुपये मिल सकते हैं। दूरसंचार क्षेत्र में बीएसएनएल और एमटीएनएल की 2.86 लाख किलोमीटर फाइबर लाइन और 14,917 दूरसंचार टावरों के मुद्रीकरण से 35,100 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
विमानन क्षेत्र में 25 हवाई अड्डों का विनिवेश किया जाएगा और दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद तथा बेंगलूरु जैसे हवाई अड्डों में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की मौजूदा हिस्सेदारी घटाने की योजना है। इससे करीब 20,782 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। जहाजरानी क्षेत्र में 9 प्रमुख बंदरगाहों पर 31 परियोजनाओं का मुद्रीकरण कर 12,828 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। इसके अलावा कोयला खनन क्षेत्र में 160 परियोजनाओं को मुद्रीकरण के लिए चिह्निïत किया गया है, जिससे 28,747 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इसके साथ ही दो राष्ट्रीय खेल स्टेडियमों और 2 क्षेत्रीय केंद्रों का 11,450 करोड़ रुपये में मुद्रीकरण करने की योजना है।