हाल में घोषित राष्ट्रीय मुद्रीकरण योजना (एनएमपी) के तहत सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय अगले 4 साल के दौरान हर साल 6,600 किलोमीटर से ज्यादा राजमार्गों का मुद्रीकरण करेगा। सभी मौजूदा सड़क परियोजनाओं और आने वाले ठेकों को एक छत्र में लाने के बाद यह किया जाएगा।
एनएमपी दस्तावेज में कहा गया है कि नीति आयोग द्वारा अपनाए गए तरीके में मौजूदा परिचालन वाली राष्ट्रीय राजमार्ग संपत्तियोंं और बन रहे और अगले 4 साल में परिचालन में आ रहे नए राष्ट्रीय राजमार्गों को इसमें शामिल किया गया है। यह सूची मंत्रालय की ओर से मुहैया कराए गए सड़क खंडों और 4 लेन सड़कों व अन्य संपत्तियों के मुद्रीकरण क्षमता के बारे में द्वितीयक शोध के बाद तैयार की गई है। वित्त वर्ष 25 तक कुल 26,700 किलोमीटर सड़कों के मुद्रीकरण पर विचार किया गया है। इसमें पहले से परिचालन वाली 4 लेन और उसके ऊपर की सड़कें शामिल हैं।
सार्वजनिक निजी हिस्सेदारी (पीपीपी) मॉडल पर आवंटित की गई बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर (बीओटी) परियोजनाओं को इनसे बाहर रखा गया है, क्योंकि इन संपत्तियों पर टोल वसूलने का अधिकार संबंधित कंसेसन अवधि के दौरान निजी क्षेत्र के पास रहेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि पुरानी और नई परियोजनाओं के मिश्रण की पेशकश एनएमपी के तहत की जाएगी।