वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि विनिर्माण भारत के विकास के पथ के दायरे और दिशा को निर्धारित करने वाला है। उन्होंने बताया कि भारत विनिर्माण के जरिये कहीं अधिक योगदान दे सकता है।
उन्होंने फिक्की के सीईओ राउंडटेबल ‘विकसित भारत- भारत का विनिर्माण नेतृत्व’ में कहा कि भारत के विकास के सफर में विनिर्माण अग्रणी रहा है और यह लगभग उसी दर से बढ़ रहा है जैसे कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 7-8 फीसदी की दर से बढ़ता रहा है। साल 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में यह धुरी होगा।
वाणिज्य मंत्री ने कहा, ‘यह अच्छा है कि 1.4 अरब की आबादी वाला देश इस स्तर को कायम रख पा रहा है। मेरी सोच है कि भारत स्पष्ट और निश्चित रूप से विनिर्माण क्षेत्र में कहीं अधिक योगदान दे सकता है। यह योगदान न केवल आत्मनिर्भरता के लिए जरूरी है बल्कि यह नौकरियां मुहैया करवाता है, रोजगार अवसर प्रदान करता है और उद्यमिता की संभावनाएं बढ़ाता है।’
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 12 औद्योगिक स्मार्ट शहरों को मंजूरी दी है। यह औद्योगिक स्मार्ट शहर 10 राज्यों और छह प्रमुख औद्योगिक गलियारे में बनाए जाएंगे। इनके लिए सरकार 28,062 करोड़ रुपये की व्यवस्था करेगी। इससे औद्योगिक इकाइयों के इर्दगिर्द भौतिक और सामाजिक आधारभूत ढांचे की कमी से निपटा जा सकेगा। इससे भारत में विनिर्माण को जोरदार ढंग से बढ़ावा मिलेगा।
गोयल ने कहा कि भारत में कंपनियों के लिए कई समस्याएं जमीन और आधारभूत ढांचे की कमी से जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक स्मार्ट सिटी की बदौलत कंपनियों की इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। भारत के इन औद्योगिक शहरों को निर्धारित मानकों के अनुकूल बनाकर आधारभूत ढांचे को ‘प्लग-ऐंड-प्ले’ यानी काम करने के लिए तैयार बनाया जाएगा। इस लक्ष्य को शीघ्रता से पूरा किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि चार औद्योगिक पार्कों को अभी तैयार किया जा रहा है। इन पार्कों में धोलेरा (गुजरात), विक्रम-उद्योगपुरी (मध्य प्रदेश), शेंद्रा-बिडकिन (महाराष्ट्र) और ग्रेटर नोएडा (उत्तर प्रदेश) हैं। इन चार परियोजनाओं में 1.72 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की प्रतिबद्धता है। इन पार्कों में 3,500 एकड़ विकसित भूखंड को बेचा जाना है।
गोयल के अनुसार घोषित 12 औद्योगिक शहरों से विनिर्माण के क्षेत्र में कहीं अधिक अवसर सृजित होंगे। उन्होंने फोरम में उपस्थित उद्योगपतियों से अनुरोध किया कि इन औद्योगिक पार्कों में निवेश को पहचानें और योजना बनाएं।