उद्योग संगठन फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर आफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री (फिक्की) के एक सर्वे के मुताबिक कारोबार की लागत चिंता का विषय बना हुआ है, इसके बावजूद चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में विनिर्माण गतिविधियों में तेजी से सुधार की संभावना है।
फिक्की के ताजा सर्वे में कहा गया है, ‘प्रतिक्रिया देने वालों में ज्यादा प्रतिशत लोगों ने 2021-22 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में ज्यादा उत्पादन की बात कही है और यह 50 प्रतिशत से बहुत ज्यादा, करीब 61 प्रतिशत लोगों ने कहा है।
पिछले साल की समान तिमाही में महज 24 प्रतिशत लोगों ने ज्यादा उत्पादन की बात कही थी। 2021-22 की दूसरी तिमाही में कम या यथावत उत्पादन रहने की उम्मीद 39 प्रतिशत लोगों ने जताई है।’ पहली तिमाही में परिदृश्य कमजोर था, क्योंकि कोरोना की दूसरी लहर के कारण व्यवधान आया था। विनिर्माण में कुल मिलाकर क्षमता उपयोग सितंबर के अंत तक 72 प्रतिशत रहने की संभावना है, जिससे विनिर्माण क्षेत्र में रिकवरी के संकेत मिलते हैं।
सर्वे में कहा गया है कि क्षमता के कम इस्तेमाल, ढुलाई शुल्क में बढ़ोतरी और अन्य लॉजिस्टिक्स खर्चों, कच्चे माल, बिजली की लागत में बढ़ोतरी तथा ऊंची ब्याज दरों की वजह से भी कुल लागत बढ़ी है। सर्वे में कहा गया है कि सुस्त पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के बाद दूसरी जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
हालांकि, सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों का कहना है कि उनके कारोबार और उत्पादन की लागत में बढ़ोतरी हो रही है। निर्यात के मोर्चे पर सर्वे में कहा गया है कि परिदृश्य बेहतर हुआ है।