भारतीय रिजर्व बैंक की उदार धनप्रेषण योजना (एलआरएस) के तहत विदेश भेजे जाने वाले धन में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में अप्रैल 2024 में करीब 2 प्रतिशत की गिरावट आई है। विदेश में रह रहे निकट संबंधियों पर किए जाने वाले खर्च और जमा की जाने वाली राशि में कमी के कारण ऐसा हुआ है।
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा बुलेटिन के मुताबिक योजना के तहत अप्रैल 2024 में रेमिटेंस 2.28 अरब डॉलर रहा है, जो अप्रैल 2023 के 2.33 अरब डॉलर की तुलना में 1.98 प्रतिशत कम है। अप्रैल 2024 में निकट संबंधियों की देखभाल के लिए भेजा गया धन घटकर 29.169 करोड़ डॉलर रह गया है, जो एक साल पहले 44.938 करोड़ डॉलर था। जमा से जुड़ा रेमिटेंस पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 29.7 प्रतिशत 7.267 करोड़ डॉलर रह गया है।
उपहारों के रूप में भेजा गया धन 8.43 प्रतिशत कम होकर 31.116 करोड़ डॉलर रह गया है। विदेश धन प्रेषण में सर्वाधिक व्यय किए जाने वाले मद अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर होने वाला खर्च पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 4.04 प्रतिशत बढ़कर 1.14 अरब डॉलर हो गया है।
इसी तरह से इक्विटी और डेट में निवेश 20 प्रतिशत बढ़कर 9.894 करोड़ डॉलर हो गया है। इसकी वजह से कुल मिलाकर धन प्रेषण में कमी आई है। अप्रैल में भारतीयों द्वारा विदेश में शिक्षा पर एलआरएस के तहत व्यय मामूली घटकर 20.802 करोड़ डॉलर रह गया है।
वित्त वर्ष 2024 में कुल मिलाकर धनप्रेषण 31.73 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। ऐसा अंतरराष्ट्रीय यात्रा सेग्मेंट में तेज वृद्धि के कारण हुआ है।