facebookmetapixel
शेख हसीना को फांसी की सजा के बाद बोला भारत: हम बांग्लादेश के लोगों के हित में खड़े हैंFD से भी ज्यादा ब्याज! पोस्ट ऑफिस की इन 5 बड़ी सेविंग स्कीम्स में निवेश कर आप बना सकते हैं तगड़ा फंडअक्टूबर में निर्यात 11.8% घटकर 34.38 अरब डॉलर रहा; व्यापार घाटा बढ़कर 41.68 अरब डॉलर पर पहुंचाटैक्स सिस्टम में होगा ऐतिहासिक बदलाव! नए इनकम टैक्स कानून के तहत ITR फॉर्म जनवरी से होंगे लागूक्या पेंशनर्स को अब DA और दूसरे लाभ नहीं मिलेंगे? सरकार ने वायरल मैसेज की बताई सच्चाईदुबई से जुड़े Forex Scam का पर्दाफाश; निजी बैंक कर्मचारी समेत 3 गिरफ्तारIncome Tax: फ्रीलांसर्स और पार्ट-टाइम जॉब से कमाई करने वालों पर टैक्स को लेकर क्या नियम है?Groww की पैरेंट कंपनी का वैल्यूएशन ₹1 लाख करोड़ पार, शेयर इश्यू प्राइस से 78% उछलाबिहार में NDA की जीत से बदला मार्केट मूड! मोतीलाल ओसवाल ने कहा- ब्रांड मोदी बरकरार, शॉर्ट टर्म में दिखेगी तेजीUS Visa Bulletin December 2025: भारतीयों के लिए जरूरी खबर, EB-5 में भारतीयों की ग्रीन कार्ड वेटिंग हुई कम!

इस वर्ष पहली बार ऋण में वृद्धि

Last Updated- December 12, 2022 | 12:22 AM IST

चालू कैलेंडर वर्ष  में पहली बार सितंबर, 2021 में ऋण में वृद्धि धनात्मक रही है, जो पिछले कैलेंडर वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.1 प्रतिशत अधिक है। इससे अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे मांग बढऩे के संकेत मिलते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बैंकों द्वारा दी जाने वाली उधारी 24 सितंबर, 2021 तक 7,283 करोड़ रुपये बढ़ी है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 21 की समान अवधि में ईयर टु डेट (वाईटीडी) के आधार पर 1.0 प्रतिशत संकुचन आया था। 24 सितंबर, 2021 क बैंकों द्वारा दिया गया कुल कर्ज 109.56 लाख करोड़ रुपये था।
2020 में आई कोविड-19 की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर का असर ज्यादा था, उसके बावजूद वृद्धि दर्ज की गई है। सामान्य वर्ष में वाईटीडी वृद्धि अगस्त-सितंबर में धनात्मक होती है, क्योंकि अक्टूबर से शुरू होने वाली दूसरी छमाही व्यस्त होती है। 2019 में अक्टूबर की शुरुआत में ही वाईटीडी वृद्धि धनात्मक क्षेत्र में चली गई थी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में वाईटीडी वृद्धि नवंबर में ही धनात्मक क्षेत्र में जा सकती थी।
2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान देशव्यापी बंदी की गई थी और आर्थिक गतिविधियां ठहर गई थीं। लेकिन 2021 में दूसरी लहर के दौरान विनिर्माण व सेवा गतिविधियां नियंत्रित तरीके से जारी रहीं और प्रतिबंध स्थानीय स्तर पर लगाए गए थे।

First Published - October 10, 2021 | 11:45 PM IST

संबंधित पोस्ट