चालू कैलेंडर वर्ष में पहली बार सितंबर, 2021 में ऋण में वृद्धि धनात्मक रही है, जो पिछले कैलेंडर वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 0.1 प्रतिशत अधिक है। इससे अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे मांग बढऩे के संकेत मिलते हैं।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक बैंकों द्वारा दी जाने वाली उधारी 24 सितंबर, 2021 तक 7,283 करोड़ रुपये बढ़ी है, जबकि पिछले वित्त वर्ष 21 की समान अवधि में ईयर टु डेट (वाईटीडी) के आधार पर 1.0 प्रतिशत संकुचन आया था। 24 सितंबर, 2021 क बैंकों द्वारा दिया गया कुल कर्ज 109.56 लाख करोड़ रुपये था।
2020 में आई कोविड-19 की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर का असर ज्यादा था, उसके बावजूद वृद्धि दर्ज की गई है। सामान्य वर्ष में वाईटीडी वृद्धि अगस्त-सितंबर में धनात्मक होती है, क्योंकि अक्टूबर से शुरू होने वाली दूसरी छमाही व्यस्त होती है। 2019 में अक्टूबर की शुरुआत में ही वाईटीडी वृद्धि धनात्मक क्षेत्र में चली गई थी। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 2020 में वाईटीडी वृद्धि नवंबर में ही धनात्मक क्षेत्र में जा सकती थी।
2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान देशव्यापी बंदी की गई थी और आर्थिक गतिविधियां ठहर गई थीं। लेकिन 2021 में दूसरी लहर के दौरान विनिर्माण व सेवा गतिविधियां नियंत्रित तरीके से जारी रहीं और प्रतिबंध स्थानीय स्तर पर लगाए गए थे।