अर्थव्यवस्था

हरित तकनीक और विविधीकरण में निजी कंपनियों की दिलचस्पी बेहद कम

वित्त वर्ष 2025 में सिर्फ 5% से भी कम कंपनियों ने पर्यावरण या नए क्षेत्रों में पूंजी खर्च की योजना बनाई, NSO के आंकड़ों से खुलासा

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शिवा राजौरा   
Last Updated- April 30, 2025 | 10:28 PM IST

वित्त वर्ष 2025 में 5 प्रतिशत से कम निजी कॉर्पोरेट सेक्टर के उद्यमों ने अपने पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) का आवंटन विविधीकरण और हरित तकनीकों के लिए करने का इरादा जताया है। निजी कॉर्पोरेट क्षेत्र के उद्यमों में से महज 1.38 प्रतिशत ने अपने पूंजीगत व्यय का इस्तेमाल ऊर्जा बदलाव के लिए करने का इरादा जताया। वहीं दूसरी तरफ सिर्फ 2.75 प्रतिशत निजी उद्यमों ने विविधीकरण पर पूंजीगत व्यय का इरादा जताया है।

एनएसओ के आंकड़ों से पता चलता है कि निजी कॉर्पोरेट सेक्टर के उद्यमों ने ऊर्जा परिवर्तन एवं संरक्षण के लिए 17 गतिविधि श्रेणियों में से 10 में पूंजीगत व्यय का आवंटन नहीं किया है। यह हरित और भविष्योन्मुखी तकनीकों के प्रति भारतीय उद्योग जगत की उदासीनता दिखाता है।

आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि ऊर्जा परिवर्तन एवं संरक्षण में अपना पूंजीगत व्यय के इस्तेमाल इच्छा रखने वाले उद्योगों में शीर्ष पर विनिर्माण (4.36 प्रतिशत) श्रेणी के उद्योग हैं। इसके बाद जलापूर्ति, जल निकासी, कचरा प्रबंधन और सुधार संबंधी गतिविधियों (0.96 प्रतिशत) और बिजली, गैस, स्टीम, एयर कंडिशनिंग सप्लाई (0.76 प्रतिशत) का स्थान है।

दूसरी ओर विविधीकरण के लिए अपने पूंजीगत व्यय को आवंटित करने की इच्छा रखने वाले उद्यमों की हिस्सेदारी ‘कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन’ (17.31 प्रतिशत) श्रेणी में सबसे अधिक रही, इसके बाद ‘प्रशासनिक और सहायक सेवा गतिविधियों’ (5.3 प्रतिशत) और ‘शिक्षा’ (14.11 प्रतिशत) शामिल हैं।

First Published : April 30, 2025 | 10:28 PM IST