facebookmetapixel
अगर बैंक ने ज्यादा पैसे काट लिए या शिकायत पर जवाब नहीं दिया, ऐसे घर बैठे करें फ्री में कंप्लेंटBihar Election 2025: दूसरे चरण में 3.7 करोड़ मतदाता 122 सीटों पर करेंगे 1,302 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसलाBandhan MF ने उतारा नया हेल्थकेयर फंड, ₹100 की SIP से निवेश शुरू; किसे लगाना चाहिए पैसा?Explained: AQI 50 पर सांस लेने से आपके फेफड़ों और शरीर को कैसा महसूस होता है?अगर इंश्योरेंस क्लेम हो गया रिजेक्ट तो घबराएं नहीं! अब IRDAI का ‘बीमा भरोसा पोर्टल’ दिलाएगा समाधानइन 11 IPOs में Mutual Funds ने झोंके ₹8,752 करोड़; स्मॉल-कैप की ग्रोथ पोटेंशियल पर भरोसा बरकरारPM Kisan Yojana: e-KYC अपडेट न कराने पर रुक सकती है 21वीं किस्त, जानें कैसे करें चेक और सुधारDelhi Pollution: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने पकड़ा जोर, अस्पतालों में सांस की बीमारियों के मरीजों की बाढ़CBDT ने ITR रिफंड में सुधार के लिए नए नियम जारी किए हैं, टैक्सपेयर्स के लिए इसका क्या मतलब है?जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बड़ा जाल फरीदाबाद में धराशायी, 360 किलो RDX के साथ 5 लोग गिरफ्तार

निवेश और खपत ने पकड़ी रफ्तार

इस तिमाही में पूंजीगत निवेश को निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय और घरेलू व्यय ने बढ़ाया दिया।

Last Updated- August 31, 2024 | 12:19 AM IST
Budget 2024, VCC: Government will attract foreign investors through variable capital companies Budget 2024, VCC: वेरिएबल कैपिटल कंपनियों के जरिए विदेशी निवेशकों को आकर्षित करेगी सरकार

वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में पूंजीगत निवेश में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि इससे पिछली तिमाही में 6.46 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इस तिमाही में पूंजीगत निवेश को निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय और घरेलू व्यय ने बढ़ाया दिया।

वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में आधारभूत ढांचे का प्रॉक्सी सकल निश्चित पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) का योगदान 31.3 प्रतिशत था जबकि यह पिछली तिमाही में 31.4 प्रतिशत था। आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए 30 प्रतिशत से अधिक निवेश को महत्त्वपूर्ण माना जाता है।

आम चुनाव के कारण केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय में गिरावट आने के बावजूद जीडीपी में जीएससीएफ की हिस्सेदारी बढ़ी है। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) से प्राप्त आंकड़ों से जानकारी मिलती है कि केंद्र सरकार का पहली तिमाही में पूंजीगत व्यय 1.8 लाख करोड़ रुपये था जबकि यह बीते साल की इस अवधि में 2.7 लाख करोड़ रुपये था।

इस तिमाही में बीते साल की इसी तिमाही की तुलना में केंद्र के पूंजीगत व्यय में करीब 33 प्रतिशत की गिरावट आई। केयर रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि प्रथम तिमाही में केंद्र का पूंजीगत व्यय घटने के बावजूद कुल जीएफसीएफ में जबरदस्त वृद्धि उजागर हुई।

First Published - August 30, 2024 | 11:36 PM IST

संबंधित पोस्ट