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रिजर्व बैंक की तय सीमा तक नहीं घटेगी महंगाई

Last Updated- December 11, 2022 | 1:20 PM IST

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत किए जाने के बाद उसके भारत मिशन की प्रमुख नाडा चोउएरी ने इंदिवजल धस्माना से कहा कि नई वृद्धि दर खराब नहीं है। प्रमुख अंश 

आईएमएफ ने हाल की समीक्षा में जुलाई की तुलना में वैश्विक आर्थिक वृद्धि में कटौती नहीं की है, जबकि भारत की वृद्धि दर 60 आधार अंक घटा दी। ऐसा क्यों? 
हमने वैश्विक आर्थिक वृद्धि में कटौती नहीं की है, लेकिन तमाम देशों के वृद्धि के आंकड़े बदले गए हैं। कुछ देशों का अनुमान घटा है जबकि कुछ का बढ़ा है। इसकी वजह से वैश्विक वृद्धि दर में बदलाव नहीं हुआ है। जिन देशों का वृद्धि अनुमान घटा है, वे भारत के व्यापारिक साझेदार हैं, जिनमें अमेरिका, यूरोपीय संघ, चीन शामिल हैं।
इसकी वजह से भारत का वृद्धि अनुमान भी घटा है। भारत की वृद्धि के अनुमान में कमी सिर्फ विदेश से मांग घटने के कारण नहीं हुई है, बल्कि पश्चिमी देशों द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने से वित्तीय स्थिति कमजोर होने की संभावना कारण भी हुई है। इससे भारत में निवेश का प्रवाह प्रभावित हुआ है और इससे भारत में निवेश और वृद्धि का अनुमान पहले की तुलना में कम हुआ है।’
आईएमएफ को भारत में औसत खुदरा महंगाई दर 2022-23 में 6.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। इसका मतलब आपको अगले 6 महीने में महंगाई दर घटकर रिजर्व बैंक की सीमा में आने की उम्मीद नहीं है? 
भारत पर कई तरह के दबाव है, खासकर खाद्य कीमत को लेकर। सितंबर में खाद्य व बेवरिज की महंगाई उल्लेखनीय रूप से बढ़ी है। सूचकांक के खपत बास्केट में इसकी हिस्सेदारी आधे के करीब है। ऐसे में हमें नहीं लगता कि यह चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में 6 प्रतिशत के नीचे आएगी। बहरहाल हम उम्मीद करते हैं कि यह अगले वित्त वर्ष में 6 प्रतिशत से नीचे रहेगी। 

First Published - October 23, 2022 | 11:08 PM IST

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