जिस महंगाई के कारण सरकार पिछले कुछ समय से परेशान चल रही थी, ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से उसमें और इजाफा हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पेट्रोल, डीजल और घरेलू एलपीजी की कीमतों में बढ़ोतरी से थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) आधारित महंगाई का आंकड़ा और ऊपर चढ़ सकता है।
महंगाई की दर पहले से ही आठ फीसदी के ऊपर पहुंच चुकी है और माना जा रहा है कि इस फैसले के बाद यह दहाई के आंकड़े तक पहुंच सकती है। ईंधन उत्पादों का डब्लूपीआई में 4.7 फीसदी का हिस्सा है। कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा के ठीक बाद पेट्रोलियम सचिव एम एस श्रीनिवासन ने कहा कि इस फैसले से महंगाई की दर में 0.5 से 0.6 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।
17 मई को समाप्त हुए सप्ताह में मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 8.1 फीसदी पर पहुंच गई थी। एक्सिस बैंक के उपाध्यक्ष (कारोबार एवं आर्थिक शोध) सौगत भट्टाचार्य का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्तों के दौरान मुद्रास्फीति की दर 8.5 से 9 फीसदी के करीब पहुंचने की आशंका है।