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महंगाई सिर्फ 2%? RBI MPC में बोले गवर्नर संजय मल्होत्रा- आने वाले महीनों में मिलेगी और राहत

खाने-पीने की चीजों के दाम गिरने से अक्टूबर में CPI महंगाई रिकॉर्ड निचले स्तर पर; RBI ने कहा- आने वाले महीनों में और राहत मिल सकती है

Last Updated- December 05, 2025 | 10:37 AM IST
RBI Governor Sanjay Malhotra

RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि अक्टूबर 2025 में CPI महंगाई अब तक के सबसे कम स्तर पर पहुंच गई। खाने-पीने की चीजों के दाम घटने से महंगाई में यह तेज गिरावट आई है, जबकि आमतौर पर सितंबर और अक्टूबर में खाद्य कीमतें बढ़ जाती हैं। कोर महंगाई, जिसमें खाद्य और ईंधन शामिल नहीं होते, भी घटकर 2.6% पर आ गई है। इससे पता चलता है कि महंगाई में कमी सिर्फ कुछ चीजों की वजह से नहीं, बल्कि ज्यादातर क्षेत्रों में दाम स्थिर या कम हुए हैं।

बेहतर फूड सप्लाई और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में राहत

गवर्नर ने बताया कि इस बार खेती है। खरीफ फसल ज्यादा हुई है, रबी की बुवाई भी अच्छी चल रही है, बांधों में पानी पर्याप्त है और मिट्टी में नमी भी ठीक है। इन परिस्थितियों ने खाद्य सप्लाई को मजबूत बनाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर में भी ज्यादातर जरूरी चीजों की कीमतें आगे चलकर कम हो सकती हैं, जिससे महंगाई पर और दबाव कम पड़ेगा। इसी वजह से इस साल और अगले साल के लिए महंगाई का अनुमान पहले से कम रखा गया है।

RBI ने इस साल महंगाई का अनुमान घटाकर 2% किया

संजय मल्होत्रा ने कहा कि अब इस साल के लिए CPI महंगाई का नया अनुमान 2% रखा गया है, जो पहले से 0.6% कम है। RBI के मुताबिक, तीसरी तिमाही में महंगाई 0.6% रह सकती है, जबकि चौथी तिमाही में यह 2.9% तक बढ़ सकती है। अगले वित्त वर्ष (FY27) की पहली दो तिमाहियों में महंगाई 3.9% और 4% रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं की कीमत बढ़ने से महंगाई पर थोड़ा असर पड़ता है, लेकिन कुल मिलाकर असली महंगाई दबाव बहुत कम है।

करंट अकाउंट घाटा कम हुआ, लेकिन व्यापार घाटा बढ़ा

गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि भारत का करंट अकाउंट घाटा पिछले साल की तुलना में काफी कम हो गया है। यह Q2 में 2.2% से घटकर 1.3% पर आ गया है। यह सुधार इसलिए दिखा क्योंकि सेवाओं के निर्यात में बढ़ोतरी हुई और विदेश से आने वाली धनराशि भी काफी बढ़ी। हालांकि दूसरी तरफ माल का निर्यात कम हुआ और आयात लगातार बढ़ा, जिससे व्यापार घाटा (ट्रेड डेफिसिट) बढ़ गया।

MPC ने रेपो रेट 0.25% घटाया, नीति का रुख रहेगा न्यूट्रल

RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने सर्वसम्मति से फैसला किया कि रेपो रेट को 0.25% घटाकर 5.25% किया जाए। समिति ने यह भी तय किया कि मौद्रिक नीति का रुख यानी स्टांस न्यूट्रल ही रहेगा। इसका मतलब है कि आगे की नीति में RBI हालात देखकर संतुलित फैसला करेगा।

शिकायतें निपटाने के लिए जनवरी से दो महीने का अभियान

गवर्नर ने बताया कि RBI एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है। 1 जनवरी से दो महीने का विशेष अभियान चलाया जाएगा, ताकि वे सभी शिकायतें निपटाई जा सकें जो RBI ओम्बड्समैन के पास एक महीने से ज्यादा समय से लंबित हैं। इससे ग्राहकों को राहत मिलेगी और बैंकिंग सेवाओं में सुधार होगा।

चुनौतियों के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने दिखाई मजबूती

संजय मल्होत्रा ने कहा कि दुनिया भर में आर्थिक माहौल मुश्किल है, फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था ने बेहतरीन मजबूती दिखाई है। उन्होंने कहा कि ऊंची वृद्धि दर की पूरी संभावना है और महंगाई घटने से RBI के पास ग्रोथ का समर्थन करने के लिए और जगह मिल गई है। उन्होंने कहा कि RBI आगे भी अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करता रहेगा और देश की आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए सक्रिय रूप से काम करेगा।

First Published - December 5, 2025 | 10:37 AM IST

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