कच्चे तेल की आग भले ही दूर कहीं लगी हो मगर इसकी लपटें महंगाई की शक्ल में भारत में लगातार तेज होती जा रही हैं।
14 जून को समाप्त सप्ताह में महंगाई दर एक बार फिर 0.37 फीसदी बढ़कर 11.42 फीसदी पर पहुंच गई। इससे पहले हफ्ते में यह 11.05 फीसदी थी। इस उछाल के बाद महंगाई का आंकड़ा 6 मई, 1995 के 11.11 फीसदी को भी पार कर गया।
जानकारों का कहना है कि अगर कीमतों की रफ्तार पर लगाम नहीं लगा तो यह मार्च 1995 में दर्ज 16.9 फीसदी के करीब भी पहुंच सकती है। 14 जून को समाप्त सप्ताह में महंगाई की आग को खाद्य वस्तुओं की कीमतों ने हवा दी। समीक्षाधाीन अवधि में दूध, चाय, खाद्य तेल सहित अन्य खाद्य वस्तुएं और साबुन एवं डिटरजेंट की कीमतों में उछाल आया।
समीक्षाधीन सप्ताह में चाय, दूध, मछली और मक्के की कीमत में बढ़ोतरी हुई, जबकि फल, सब्जी और मसूर की कीमतों में थोड़ी नरमी आई है। ल्यूब्रिकेंट की कीमत जहां 19 फीसदी बढ़ गई, वहीं सूरजमुखी तेल की कीमतों में भी 4 फीसदी का उछाल आया है। आयातित खाद्य तेल, नमक और सरसों तेल की कीमतों में भी एक-एक फीसदी का उछाल आया।