खनन क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की वजह से विनिर्माण क्षेत्र में चल रही मंदी के बावजूद अप्रैल माह में कुल औद्योगिक विकास 7 फीसदी पहुंच गया, जबकि मार्च 2008 में विकास दर महज 3 फीसदी थी, जो पिछले छह साल से सबसे कम थी।
हालांकि पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई है। अप्रैल 2007 के दौरान औद्योगिक विकास दर 11.3 फीसदी रही थी। मुद्रास्फीति के बढ़ते दबाव और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका के बावजूद कुछ क्षेत्रों ने बेहतर प्रदर्शन किया, जिससे औद्योगिक विकास दर को सहारा मिला।
इनमें खनन, एफएमसीजी, पूंजीगत वस्तुओं का प्रमुख स्थान है। हालांकि ऊर्जा, विनिर्माण आदि क्षेत्रों में अपेक्षित वृद्धि नहीं दर्ज की जा सकी। विनिर्माण क्षेत्र में अप्रैल 2008 में 7.5 फीसदी विकास दर्ज की गई, जबकि पिछले साल की समीक्षाधीन अवधि में यह 12.4 फीसदी थी।
ऊर्जा उत्पादन में इस बार भारी गिरावट आई है। अप्रैल 2007 में यह 8.7 फीसदी थी, जो इस बार घटकर 1.4 फीसदी रह गई है। वैसे औद्योगिक विकास दर को खनन क्षेत्र ने बहुत सहारा दिया। पिछले साल की समीक्षाधीन अवधि में इसमें 2.6 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी, जो इस साल बढ़कर 8.6 फीसदी पहुंच गई।
एफएमसीजी क्षेत्रों में भी अप्रैल 2008 में अच्छी बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 5.5 फीसदी पहुंच गई, जबकि 2007 की समान अवधि में यह 2.4 फीसदी ही थी। हालांकि आधार उत्पादों की वृध्दि दर घटकर 4.6 फीसदी रह गई, जो पिछले साल के अप्रैल के महीने में 8. 6 फीसदी थी।
मार्च के मुकाबले आईआईपी हुई लगभग दोगुनी
पिछले अप्रैल के मुकाबले रही काफी कम
अप्रैल 2008 में औद्योगिक विकास दर 7 फीसदी, जबकि मार्च में यह 3 फीसदी ही थी
क्षेत्र अप्रैल 2008 अप्रैल 2007
खनन 8.6 फीसदी 2.6 फीसदी
विनिर्माण 7.5 फीसदी 12.4 फीसदी
ऊर्जा 1.4 फीसदी 8.7 फीसदी
एफएमसीजी 5.5 फीसदी 2.4 फीसदी