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वैश्विक आर्थिक परिदृश्य को लेकर भारत चिंतित: सीतारमण

Last Updated- April 13, 2023 | 10:45 PM IST
GST Council Meet: India concerned about global economic outlook: Sitharaman

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत इस साल देश की अर्थव्यवस्था के लिए 6 फीसदी से अधिक की अनुमानित वृद्धि दर के बावजूद वै​श्विक आ​र्थिक परिदृश्य और भू-राजनीतिक माहौल को लेकर चिंतित है। वह वा​शिंगटन डीसी में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की एक बैठक में बोल रही थीं।

IMF ने विश्व आ​र्थिक अनुमान की अपनी ताजा रिपोर्ट में चेताया है कि वै​श्विक आर्थिक ​स्थितियों में अत्य​​धिक सख्ती से उभरती अर्थव्यवस्थाओं में ऋण एवं सार्वजनिक वित्त पर नाटकीय प्रभाव पड़ेगा। IMF ने अनुमान लगाया है कि 2023 में वैश्विक विकास दर करीब 2.8 फीसदी रहेगी जो पहले के अनुमान से कम है। मगर, अगले साल मामूली वृद्धि के साथ वह 3 फीसदी हो सकती है।

जहां तक भारत का सवाल है तो आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2024 में 5.9 फीसदी वृद्धि दर का अनुमान जाहिर किया है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024 में देश की अर्थव्यवस्था 6.5 फीसदी की दर से बढ़ेगी।

IMF ने एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए अपने अनुमान में कहा कि भारत की वृद्धि रफ्तार धीमी हो सकती है क्योंकि घरेलू मांग में नरमी के कारण विदेश में सेवाओं की मजबूत मांग का फायदा नहीं मिलेगा।

IMF ने कहा है, ‘एशिया के उभरते बाजार एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में हमें 2023 में काफी गतिशीलता दिख रही है। इसे मुख्य तौर पर चीन में सुधार और भारत में मजबूत वृद्धि से बल मिलेगा। वैश्विक वृद्धि में केवल इन्हीं दो अर्थव्यवस्थाओं का लगभग आधा योगदान होगा।’

सीतारमण ने कहा कि विश्व बैंक को गरीबी मुक्त दुनिया के अपने दृ​ष्टिकोण के लिए लगातार काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक को अत्यधिक गरीबी को मिटाने और साझा समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने मिशन को समावेशी, लचीला और टिकाऊ तरीके से हासिल करना चाहिए।

बैठक में वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि तीसरे लक्ष्य के तौर पर वैश्विक सार्वजनिक वस्तुओं पर भी विचार किया जाना चाहिए।

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास के साथ सीतारमण ने भी वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था पर जी20 देशों के वित्त मंत्रियों एवं केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (FMCBG) की दूसरी बैठक के पहले दिन की सह-अध्यक्षता की।

सीतारमण ने समय पर ऋण पुनर्गठन करने पर जोर दिया क्योंकि वैश्विक ऋण संकट का समाधान वैश्विक गरीबी से निपटने के उपायों के साथ जुड़ा हुआ है। यह अ​धिक ऋण बोझ तले दबे देशों को कहीं अ​धिक प्रभावित करता है।

First Published - April 13, 2023 | 10:00 PM IST

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