धातु कंपनियों के शेयर सुर्खियों में हैं। वैश्विक ब्रोकरेज फर्म जेफरीज द्वारा भारतीय धातु क्षेत्र पर सकारात्मक रुख अपनाए जाने के बाद 2 जनवरी को मेटल इंडेक्स 2 प्रतिशत की तेजी के साथ अच्छी बढ़त दर्ज करने वाला प्रमुख सेक्टोरल सूचकांक था। हालांकि 3 जनवरी को मेटल इंडेक्स में मुनाफावसूली की वजह से करीब आधा फीसदी की कमजोरी आई।
ब्रोकरेज का मानना है कि चूंकि चीन में कोविड संबंधित सख्ती घटने लगी है, जिससे उसके निजी क्षेत्र को राहत मिलने लगी है। कुछ खास शेयरों के संदर्भ में बात की जाए तो पता चलता है कि टाटा स्टील पर ब्रोकरेज द्वारा ‘होल्ड’ से ‘खरीदें’ रेटिंग किए जाने के बाद यह शेयर दिन के कारोबार में करीब 6 प्रतिशत तक चढ़ गया, हालांकि मंगलवार को इसमें कमजोरी आई।
विश्लेषकों ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘टाटा स्टील की पीबी वैल्यू और निवेशित वैल्यू-निवेशित पूंजी मूल्यांकन उसके दीर्घावधि औसत के नजदीक हैं, जिसे हम सुधरती परिसंपत्ति और बैलेंस शीट के बीच आकर्षक मान रहे हैं।’
जेफरीज ने टाटा समूह की इस कंपनी के लिए 150 रुपये का कीमत लक्ष्य रखा है।
उसने हिंडाल्को के लिए भी 600 रुपये के कीमत लक्ष्य के साथ ‘खरीदें’ रेटिंग दी है। इस बीच, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) और जिंदल स्टेनलेस में 7 प्रतिशत तक की तेजी आई, जबकि एमओआईएल (शुरू में मेंग्नीज ओर-इंडिया नाम से चर्चित) , नैशनल एल्युमीनियम कंपनी, हिंदुस्तान कॉपर, वेदांत, और हिंडाल्को में 3 से 4 प्रतिशत के बीच तेजी आई थी।
दूसरी तरफ सोमवार को दिन के कारोबार में जिंदल स्टील ऐंड पावर 4 प्रतिशत तक चढ़कर 601.9 रुपये की 52 सप्ताह की ऊंचाई पर पहुंच गया। मंगलवार को भी इस शेयर में करीब आधा फीसदी की तेजी दर्ज की गई। इसके अलावा, उषा मार्टिन, प्रकाश इंडस्ट्रीज, रामा स्टील ट्यूब्स, जय बालाजी इंडस्ट्रीज, सनफ्लैग आयरन ऐंड स्टील, गोदावरी पावर ऐंड इस्पात, और लॉयड्स मेटल्स ऐंड एनर्जी में भी सोमवार को दिन के कारोबार में 15 प्रतिशत तक की तेजी आई थी।
मंगलवार को निफ्टी मेटल सूचकांक में करीब आधा फीसदी की कमजोरी आई, जबकि निफ्टी-50 सूचकांक 0.20 प्रतिशत तेजी के साथ बंद हुआ।
इस वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी और तीसरी तिमाहियों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारी बिकवाली के बाद धातु क्षेत्र एक बार फिर से
सुर्खियों में आ गया है, क्योंकि विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय इस्पात कंपनियों के लिए सबसे खराब मार्जिन वाली तिमाही बीत गई है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों का कहना है, ‘चीन में कोविड संबंधित सख्ती दूर होने और रियल एस्टेट परियोजनाएं पूरी करने के लिए दिलचस्पी बढ़ने से हमें लौह अयस्क की मांग अल्पावधि में मजबूत बने रहने की संभावना है। चीन में ठंड तेज होने से अब भारत से ज्यादा पैलेट (धातु) आयात करने पर जोर रहेगा, जिससे भारत में लौह अयस्क के लिए मांग बढ़ेगी। सरकार द्वारा पैलेट निर्यात शुल्क हटाना अन्य रियायत है।’
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आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक इस्पात मांग में सुधार की रफ्तार कमजोर पड़ सकती है। उनका कहना है कि भारत इस लिहाज से वैश्विक मानचित्र पर आकर्षक स्थिति में बना हुआ है। ब्रोकरेज का कहना है, ‘हालांकि कैलेंडर वर्ष 2022 में वैश्विक इस्पात मांग करीब 2.3 प्रतिशत घटकर 1,797 टन पर रहने का अनुमान है, लेकिन कैलेंडर वर्ष 2023 में इसमें 1 प्रतिशत का सुधार आने की संभावना है। वहीं भारतीय इस्पात मांग कैलेंडर वर्ष 2023 में 9 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।’